मधुबनी : बिहारमें मधुबनी के सदर अस्पताल में सरकार के लाख प्रयास के बाद सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा. आलम यह है कि सोमवार को एक वृद्ध के शव को ले जाने के लिये अस्पताल प्रबंधन द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करायी गयी तो मजबूरी में परिजनों ने एक निजी वाहन किया. पर समस्या उस समय गंभीर हो गयी और संवदेना को भी झंकझोर देने वाली घटना हुई जब निजी वाहन मालिक ने भी शव को वाहन के अंदर ले जाने से इंकार कर दिया. इसके बाद परिजनों ने वृद्ध के शव को वाहन के छत पर बांध कर ले गये.
वाहन की मांग नहीं की गयी : डाॅ. एएन प्रसाद, अस्पताल उपाधीक्षक
मृतक के परिजन द्वारा हमसे शव वाहन की मांग नहीं की गयी. ऐसे में मृतक के परिजन द्वारा अस्पताल प्रबंधन पर लगाये गये आरोप बे-बुनि याद है. अस्पताल में शव वाहन उपलब्ध है. लेकिन, परिजनों ने एक बार अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग नहीं की.
क्या है मामला
जिला के फुलपरास अनुमंडल के सिजौलिया गांव निवासी 72 वर्षीय नवींद्र झा की सड़क दुर्घटना में रविवार की शाम मौत हो गयी. पुलिस द्वारा मृतक को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. पोस्टमार्टम के बाद मृतक के पुत्र द्वारा अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस व शव वाहन की मांग की गयी. लेकिन, अस्पताल द्वारा न तो उसे एंबुलेंस और न ही शव वाहन उपलब्ध कराया जा सका. इसके बाद मृतक के पुत्र द्वारा एक निजी वाहन से शव को ले जाने की तैयारी शुरू कर दिया.
अस्पताल में शव वाहन के साथ-साथ 102 एंबुलेंस की सुविधा भीहै उपलब्ध
वाहन चालक द्वारा शव को वाहन के अंदर ले जाने से इनकार कर दिया गया. जिसके बाद मृतक के पुत्र ने शव को वाहन के छत के ऊपर बांधा और फिर दाह संस्कार के लिए रवाना हुआ. बताते चलें कि मधुबनी सदर अस्पताल आइएसओ मान्यता प्राप्त संस्था है. वहीं सदर अस्पताल में शव-वाहन के साथ-साथ 102 एंबुलेंस भी उपलब्ध है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृतक को ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध नहीं करना, संवेदनाओं को झंकझोड़ने वाली घटना है. इधर सरकार द्वारा गंभीर रूप से पीड़ित मरीज, गर्भवती महिला, वरिष्ठ नागरिक को लाने व ले जाने के लिए एंबुलेंस व शव को ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध कराया गया है.