मधुबनी : पर्यावरण की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ाने वाले ईँट भट्ठा संचालकों पर कार्रवाई की जायेगी. वायु प्रदूषण रोकने के लिये अब बगैर स्वच्छता प्रमाणपत्र के ईंट भट्ठा का संचालन संभव नहीं होगा. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सभी ईंट भट्ठा संचालकों से स्वच्छता तकनीकी अपनाने का निर्देश दिया है. कारण आबादी वाले इलाकों में धधक रहे ईंट भट्ठों ने लोगों की नींद उड़ा दी है. भट्ठों से निकल रहे धुआं ने घर-घर एक लोगों को मरीज बना दिया है.
इतना ही नहीं इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रीव्यूनल) का भी सख्त आदेश है कि आबादी वाले क्षेत्र में प्रदूषण को बढ़ावा नहीं दिया जायेगा. बावजूद भट्ठा संचालक भट्ठे लगाकर इस काम को अंजाम देने में लगे हें.
नियम के तहत मिलेगी अनुमति नये ईंट भट्ठा संचालन की अनुमति नियमावली के तहत ही दी जायेगी. ग्रामीण इलाकों में चौर खाली पड़ जमीन व शहरी क्षेत्रों में आबादी वाले इलाकों से पांच किमी दूर ही भट्ठा का संचालन किया जा सकता है. सूत्र बताते हैं कि जिलेभर में चार दर्जन के करीब ईंट भट्ठा संचालक नियम को ताक पर रखकर कारोबार कर रहे हैं. भट्ठा संचालकों पर पर्यावरणीय मुकदमा भी दायर किया गया था. कुछ संचालकों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी किया गया. बावजूद कुछ संचालकों द्वारा भट्ठा बंद करना तो दूर जुर्माना तक जमा नहीं किया.
मामला हो सकता है दर्ज. एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रीव्यूनल) ने खुले में कचरा जलाने को लेकर भी निर्देश जारी किये हैं. इसमे गली, मोहल्ला और चौराहों पर कचरा नहीं जला सकते. ऐसा करने पर पर्यावरण संरक्षण की धारा 19 के तहत उल्लंघन करने वालों पर मामला दर्ज हो सकता है
होगी कार्रवाई
प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी विनोद कुमार पंकज ने कहा कि नियम के विरुद्ध भट्ठों का संचालन करते पकड़े गये तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी.