एचआइवी से पीड़ित बच्चों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
गड़बड़ी. िजले में परवरिश योजना का हाल बेहद खराब मधुबनी : अनाथों के नाथ परवरिश नाथ की उदासीनता से परवरिश योजना की हवा निकल गयी है. बेसहारा और अनाथ बच्चों के देखभाल और उनके पालन पोषण के लिये जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से शून्य से छह वर्ष के बच्चों को नौ सौ रुपये […]
गड़बड़ी. िजले में परवरिश योजना का हाल बेहद खराब
मधुबनी : अनाथों के नाथ परवरिश नाथ की उदासीनता से परवरिश योजना की हवा निकल गयी है. बेसहारा और अनाथ बच्चों के देखभाल और उनके पालन पोषण के लिये जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से शून्य से छह वर्ष के बच्चों को नौ सौ रुपये और शून्य से अट्ठारह वर्ष तक के बच्चों को दिये जाने वाले एक हजार रुपये प्रतिमाह अनुदान नहीं दिया जा रहा है. लेकिन राज्य बाल संरक्षण इकाई द्वारा राशि नहीं भेजे जाने के कारण योजना का लाभ लाभुक को नहीं मिल पा रहा है.
गौरतलब है कि यह लाभ एचआइबी, एड्स और कुष्ठ रोग से ग्रसित बच्चे, एचआइइबी, एड्स से पीड़ित माता-पिता के बच्चे और कुष्ठ रोग के कारण 40 फीसदी या उससे अधिक शारीरिक रूप से दिव्यांग माता-पिता के बच्चों को दिया जाता है. यहां बता दें कि सरकार समाज के दबे कुचले अनाथ बेसहारा एचआइबी, एड्स पीड़ित बच्चों के जीवन में खुशहाली लाने के लिये परवरिश योजना की शुरुआत की गई थी.
लाभुकों का नहीं हो सका है नवीनीकरण. सरकार के नये नियम के अनुसार योजना का लाभ पाने के लिए एक साल पर बच्चों का नवीनीकरण किया जाना अनिवार्य है. जिले भर में सत्तर लाभुकों का नवीनीकरण नहीं होने से उनकी परेशानी भी बढ़ गई है. इस नियम के तहत लाभुक को आवेदन आंगनबाड़ी केन्द्र पर जमा करना होता है. जहां से बाल विकास परियोजना पदाधिकारी की स्वीकृति के बाद ही जिला बाल संरक्षण विभाग को भेजा जाता है. और इस व्यवस्था के तहत जिला में आवंटन की राशि होने के बाद ही बच्चों को दिया जाता है.
परवरिश योजना के तहत बच्चों की संख्या
प्रखंड एड्स पीड़ित अनाथ कुष्ठ
बेनीपट्टी 82 15 3
बिस्फी 49 2 –
हरलाखी 19 5 –
मधवापुर 17 4 –
पंडौल 65 9 3
राजनगर 90 18 11
बाबूबरही 59 4 –
खजौली 68 1 –
कलुआही 24 1 –
रहिका 91 7 1
झंझारपुर 62 – 6
लखनौर 51 2 –
मधेपुर 36 9 –
अंधराठाढ़ी 66 5 –
जयनगर 42 3 2
लदनियां 25 6 –
बासोपट्टी 21 10 –
फुलपरास 52 – –
घोघरडीहा 40 – 3
खुटौना 17 5 2
लौकही 19 – 1132 995 106
अनाथ व बेसहारा बच्चों को िमलना है योजना का लाभ
शून्य से छह वर्ष तक बच्चों
को मिलते हैं 900 रुपये
राशि नहीं भेजने से योजना का नहीं मिल रहा फायदा