ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से तेल की कीमत में पांच रुपये का उछाल

मधुबनी : लघु खनिज अधिनियम 2017 के विरोध में ऑल इंडिया मोटर एसोसिएशन के आह्वान पर ट्रांसपोर्टर एवं ट्रक चालकों के हड़ताल पर जाने का व्यापक तौर पर असर पड़ा है. खास कर भवन निर्माण से जुड़े सामान की किल्लत होती जा रही है. जानकारी के अनुसार शहर मुख्यालय में ही करीब पचास घरों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2017 5:43 AM

मधुबनी : लघु खनिज अधिनियम 2017 के विरोध में ऑल इंडिया मोटर एसोसिएशन के आह्वान पर ट्रांसपोर्टर एवं ट्रक चालकों के हड़ताल पर जाने का व्यापक तौर पर असर पड़ा है. खास कर भवन निर्माण से जुड़े सामान की किल्लत होती जा रही है. जानकारी के अनुसार शहर मुख्यालय में ही करीब पचास घरों का निर्माण कार्य ठप हो गया है.

कहीं इंदिरा आवास बनाने वाले लोग अपने मकान का निर्माण कार्य रोक दिया है तो कहीं आम लोगों के द्वारा भी भवन निर्माण का काम नहीं किया जा रहा है. किसी के पास ईंट है तो सीमेंट नहीं, सीमेंट है तो बालू नहीं. ट्रकों की हड़ताल पर जाने से किराना मंडी पर भी इसका व्यापक तौर पर असर पड़ रहा है. हालांकि अभी बाजार में अधिक भाड़ा देकर सामान को किसी तरह मंगाया जा रहा है. पर यदि यह हड़ताल जारी रही तो प्राय: हर सामान की कीमत में बढोतरी होने की संभावना है.

ट्रांसपोर्टर की हड़ताल पर जाने बाद से अब तक बाजार में सरसों तेल की कीमत में फिलहाल तेजी आयी है. दुकानदार रंजीत कुमार बताते हैं कि दो दिन में ही तेल की आवक कम हो गयी है. जिस कारण प्रति किलो पांच रुपये तक की बढोतरी हो गयी है. वहीं आलू प्याज दुकानदार बसंत पंजियार बताते हैं कि हड़ताल में ट्रक चालकों के जाने के बाद से तत्काल तो आलू प्याज की कीमत में बढोतरी नहीं हुई है. पर यदि यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में यह कीमत जरूर बढ़ जायेगी.
किराना मंडी के व्यवसायी राधे साह बताते हैं कि अभी सामान तो आ रहा है. भाड़ा अधिक देने पर कुछ ट्रक चालक सामान को बाजार तक पहुंचा देते है. पर आने वाले दिनों में इसका असर दिखेगा. यहीं बातें चीनी व्यवसायी नंदी भूषण ने भी बताया.
बंद का असर किराना मंडी में आंशिक रूप से देखा गया. दुकानें खुली थीं. लेकिन कामकाज की गति धीमी नजर आ रही थी. ग्राहकों व दुकानदारों के चेहरे पर महंगाई बढ़ने की परेशानी झलक रही थी. एसोसिएशन का कहना था कि ट्रक ट्रासॅपोटरों और सरकार के बीच कोई वार्ता नहीं हो पा रही है. अगर हड़ताल लंबी चली तो मध्यमवर्गीय लोगों पर असर दिखने लगेगा.
लेकिन जाने अनजाने में फुटकर और थोक सब्जी मंडी के दामों में उछाल आ गया है. छोटे मालवाहक वाहनों के जरिये जरूरी सामान की ढुलाई जारी है. आसपास के ग्रामीण इलाकों से किसानों द्वारा छोटे वाहनों के जरिये सब्जी मंडी तक पहुंचाया जा रहा है. इसी के चलते दामों में बढतोरी हुई है. वैसे किराना सामान, दाल, मशाला व गल्ला कारोबार में हड़ताल से दामों में तेजी नहीं आयी है.
घर बनाने का काम हुआ बंद
खनन विभाग की नीति के खिलाफ हैं ट्रांसपोर्टर
इधर, शनिवार को रहिका में ट्रक चालकों ने नीति के विरोध में इंसाफ चौक के समीप जाम कर दिया. इस दौरान ट्रकों के पहिए रुक गये. एसोसिएशन के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुये नाराजगी जतायी. हड़ताल से बालू मंडी में गाड़ियां खड़ी थी. खरीदार भी थे. लेकिन बालू की बिक्री नहीं हो रही थी. सड़क जाम होने के कारण करीब तीन घंटे तक इस पथ पर आवाजाही बाधित रही.
ऑल इंडिया मोटर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष उमाशंकर ठाकुर ने बताया कि सरकार जन विरोधी बालू नीति व ड्राइविंग लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी जैसी मांगों पर विचार नहीं करती है तो आगामी 25 नवंबर से ट्रक के अलावा बसों का परिचालन भी ठप हो जायेगा.

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