महिला उत्पीड़न के 106 मामले आये

महिला हेल्पलाइन. मात्र एक परामर्शी के सहारे चल रहा महिला हेल्पलाइन मधुबनी : जिले के विभिन्न प्रखंडों में शादी शुदा महिला उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं. महिलाओं को उसके पति, सास-ससुर एवं परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा किये गये उत्पीड़न के मामले को सुलझाने के लिए महिला हेल्पलाइन एक सशक्त माध्यम बनता जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2017 5:22 AM

महिला हेल्पलाइन. मात्र एक परामर्शी के सहारे चल रहा महिला हेल्पलाइन

मधुबनी : जिले के विभिन्न प्रखंडों में शादी शुदा महिला उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं. महिलाओं को उसके पति, सास-ससुर एवं परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा किये गये उत्पीड़न के मामले को सुलझाने के लिए महिला हेल्पलाइन एक सशक्त माध्यम बनता जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष के आठ महीने में अब तक 106 महिला उत्पीड़न के मामले महिला हेल्पलाइन में दर्ज हो चुके हैं. इन मामलों को सुलझाने के लिए महिला हेल्पलाइन की परामर्शी वीणा चौधरी द्वारा दोनों पक्षों में वार्ता कराकर मामले को सुलझाती है.
इन मामलों में ऐसे मामले अधिक आते हैं, जिनमें पत्नी को पति द्वारा छोड़ने की घटनाएं अधिकतर होती हैं. ऐसे भी कई मामले महिला हेल्प तक पहुंचती है, जिसमें बूढ़ी मां को उसके पुत्रों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है या उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया है. महिला हेल्पलाइन की परामर्शी श्री मति चौधरी ने बताया कि अधिकतर मामले में उभय पक्षों को समझा बुझाकर या दबाव बनाकर मामले को निबटारा कर दिया जाता है.
वर्ष 2017 में अप्रैल माह में 9 मामले, मई माह में 15, जून माह में 16, जुलाई में 14, अगस्त में 9, सितंबर में 10, अक्तूबर में 11 एवं नवंबर माह में 21 महिला प्रताड़ना से संबंधित मामले है. इस तरह से महिला प्रताड़ना के मामले हेल्पलाइन में आते हैं. उसी तरह से तेजी से निबटारा भी होता है. पूर्व वर्षों के मामले सहित इस वर्ष कुल 109 महिला प्रताड़ना के मामले का निष्पादन भी हेल्पलाइन द्वारा हुआ है. निष्पादन के मामले में अप्रैल माह में 10, मई में 13, जून में 16, जुलाई में 14, अगस्त में 8, सितंबर में 8 अक्तूबर माह में 10 एवं नवंबर में कुल 18 महिला उत्पीड़न के मामलों का निष्पादन हेल्पलाइन द्वारा किया गया है.
सुविधाओं का है अभाव : महिला हेल्पलाइन का कार्यालय जिला कोषागार के बगल में समाहरणालय से सदर अस्पताल मुख्य सड़क के किनारे अवस्थित है. इस कार्यालय में कर्मी का घोर अभाव है.
जानकारी के अनुसार, महिला हेल्पलाइन में एक परामर्शी के अतिरिक्त एक भी कर्मी कार्यरत नहीं है. कार्यालय को न तो ऑफिस खर्च के लिए कोई वित्तीय सहायता प्राप्त होता है और न ही कोई वाहन उपलब्ध है. महिला परामर्शी को हेल्पलाइन में आये मामलों की जांच के लिए जिले विभिन्न प्रखंडों में अपने खर्चे पर भ्रमण करना होता है. गाड़ी के अभाव में कई मामले महीनों से निष्पादित नहीं हो पाया है.
20 माह से नहीं मिला मानदेय : जानकारी के अनुसार, विभाग द्वारा महिला हेल्पलाइन के 30 लाख रुपये का आवंटन आया हुआ है, पर इसमें कार्यरत महिला परामर्शी को 20 माह से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है. अप्रैल 2016 से महिला परामर्शी का भुगतान लंबित है.
वर्ष 2013ई. में तत्कालीन जिला पदाधिकारी लोकेश कुमार सिंह के समय राजनगर प्रखंड के नवटोली से महिला हेल्पलाइन को जिला मुख्यालय में लाया गया था. उस समय डीएम की पहल पर महिला हेल्पलाइन के भवन में एक चापाकल एवं शौचालय का निर्माण पीएचइडी कार्यालय से कराया गया था. पर, हालत यह है कि चापाकल
खराब पड़ा है और शौचालय में किवाड़ तक नहीं है.

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