परिभ्रमण का प्रमाण पत्र देने का निर्देश

मधुबनीः वैसे मिडिल स्कूल या उत्क्रमित मिडिल स्कूल जिसने परिभ्रमण योजना मद में वर्ष 2012-13 में उपलब्ध करायी गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया है उनके प्रधानाध्यापकों या प्रभारी प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी. 2013-13 में मिडिल स्कूल और उत्क्रमित मिडिल स्कूलों के नाम से 92 लाख 80 हजार रुपये दिये गये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2014 3:02 AM

मधुबनीः वैसे मिडिल स्कूल या उत्क्रमित मिडिल स्कूल जिसने परिभ्रमण योजना मद में वर्ष 2012-13 में उपलब्ध करायी गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिया है उनके प्रधानाध्यापकों या प्रभारी प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी. 2013-13 में मिडिल स्कूल और उत्क्रमित मिडिल स्कूलों के नाम से 92 लाख 80 हजार रुपये दिये गये थे.

लगभग 928 मिडिल स्कूल और उत्क्रमित मिडिल स्कूल को यह राशि दी गई थी. पर अभी तक इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हो सका है. छात्र छात्रओं की सूची और अभिश्रव भी नहीं दी गई है. जबकि इसके लिये बार-बार प्रधानाध्यापकों को स्मारित भी किया जा चुका है.

आवंटन एक करोड़ 18 लाख 80 हजार रुपये का था. समय सीमा के भीतर उपयोगिता नहीं मिलने के मामले को योजना एवं लेखा विभाग ने गंभीरता से लिया है. सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि अविलंब उपयोगिता प्रमाण पत्र लेखा एवं योजना संभाग में जमा करें. अन्यथा उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी जिसके लिये संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापक जिम्मेवार होंगे. पूर्व में अगस्त 2013 में परिभ्रमण योजना मद में उपलब्ध करायी गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र हर हाल में जमा करने का निर्देश दिया गया था. पर अभी तक कुछ ही स्कूलों से आंशिक उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है.

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी योजना एवं लेखा रामाश्रय प्रसाद ने वैसे सभी मिडिल स्कूल और उत्क्रमित मिडिल स्कूल के प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापकों को जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2012-13 में मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना अंतर्गत उपलब्ध करायी गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र समर्पित नहीं किया है उन्हें अविलंब इसे जमा करने का निर्देश दिया है. उपयोगिता प्रमाण पत्र योजना एवं लेखा संभाग में देना है. श्री प्रसाद ने कहा है कि जो भी प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक इस निर्देश का अनुपालन नहीं करेंगे उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी. ज्ञात हो कि विभागीय स्तर से उपयोगिता प्रमाण पत्र के लिये बार बार स्मारित किया जा रहा है.

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