मुख्यमंत्री के आगमन पर ही प्रशासन को याद आता है धकजरी गांव
मधुबनी/बेनीपट्टी : जब-जब सीएम धकजरी गांव आयेंगे तभी यहां के अधिकारियों को इस गांव की याद आयेगी. बीते आठ साल तक धकजरी गांव की ओर किसी अधिकारी ने देखने की जहमत तक नहीं की. काम करने की बात तो दूर. आलम यह है कि जिस काम के लिये खुद सीएम ने इस गांव में आकर […]
मधुबनी/बेनीपट्टी : जब-जब सीएम धकजरी गांव आयेंगे तभी यहां के अधिकारियों को इस गांव की याद आयेगी. बीते आठ साल तक धकजरी गांव की ओर किसी अधिकारी ने देखने की जहमत तक नहीं की. काम करने की बात तो दूर. आलम यह है कि जिस काम के लिये खुद सीएम ने इस गांव में आकर लोगों को आश्वासन दिया था.
पंचायत के विकास के लिये योजनाओं का खांका तैयार किया, उस काम की बीते आठ साल में शुरुआत तक नहीं हो सकी. फिलहाल इन दिनों जब एक बार फिर सीएम के इसी गांव में आने की संभावना बन गयी है तो अधिकारी उन योजनाओं को तलाश करने में जुटे हैं, जिन योजनाओं को चालू करने या पूरा करने का आदेश खुद सीएम ने दिया था.
आठ साल पहले आये थे सीएम
सीएम नीतीश कुमार आठ साल पहले धकजरी गांव आये थे. तीन फरवरी 2009 में चल रहे विकास यात्रा के दौरान सीएम नीतीश कुमार पहुंचे थे धकजरी उच्च विद्यालय. सीएम के द्वारा धकजरी पंचायत को विकसित करने के लिये कई कार्यो की घोषणा की गयी थी. लेकिन आज तक सीएम के द्वारा घोषित किये कार्यो को धरातल पर नहीं उतारा गया है. सीएम नीतीश कुमार ने धकजरी उच्च विद्यालय परिसर में अपने विकास यात्रा के दौरान कई सड़क, कई बोडि़ंग को सुदृढ़ किये जाने, उच्च विद्यालय के भवन निर्माण सहित कई कार्यो की घोषणा की थी. लेकिन सीएम के द्वारा की गई घोषणा महज घोषणा ही रह गयी. अब सीएम के आगमन से पूर्व पदाधिकारी विकास कार्यो को पूरा करवाने में जुट गये हैं. लेकिन इससे पहले पदाधिकारी धकजरी पंचायत का नाम भी भूल गये थे. जबसे पदाधिकारियों को इस बात का पता चला है कि सीएम नीतीश कुमार धकजरी पहुंच रहे हैं तबसे जिले सहित अनुमंडल व प्रखंड के सभी पदाधिकारी धकजरी पंचायत में कैंप करने लगे हैं.
काश! पहले आते सीएम
धकजरी के निवासी उग्रमोहन झा ने बताया कि बोरिंग को चालू करने के संबंध में सर्वे हुआ, नक्शा भी तैयार किया गया, वहीं बोरिंग के चालू मोटर को डेड बता दिया गया. लेकिन सब कार्य सिर्फ कागज पर ही सिमट कर रह गया. वहीं कृपानंद झा आजाद ने बताया कि 99 लाख रुपया के लागत से जलमीनार का प्राक्कलन तैयार तो किया गया. पर कार्य धरातल पर नहीं उतरा. उन्होंने बताया कि स्टेट बोरिंग लगभग 30 वर्षों से बंद है उसको चालू करने के लिये कोई नहीं सोचा लेकिन बोरिंग को चालू किये जाने के नाम पर कई ट्रांसफॉर्मर बेच दिया गया.
डाॅ विनय झा ने बताया कि सीएम के द्वारा तीन मुख्य सड़कों का निर्माण कर कई महादलित टोले को परस्पर जोड़ने की घोषणा की गयी थी. लेकिन एक भी सड़क नही बनी है. उन्हें सीएम से आशा है कि सीएम के पुनः आगमन से पूर्व शायद सड़क का निर्माण हो जाये.
धकजरी चौक निवासी उग्रेश झा ने बताया कि सीएम की पहली घोषणा थी कि जगदीश उच्च विद्यालय के भवन का निर्माण व बाउंड्री दीवार बनाये जाने सहित उच्च विद्यालय को प्लस टू उच्च विद्यालय के रूप में उत्क्रमित करने की घोषणा की गयी थी. पर बीते आठ साल में भवन निर्माण के लिये न ही एक ईंट लगाया गया न ही प्लस टू की पढ़ाई शुरू हो सकी.
जबकि धकजरी के राजकपुर ने बताया कि सीएम के द्वारा किये गये घोषणा में एक भी कार्य पर अमल नहीं किया जा सका है.
वहीं दिव्यांग रवींद्र कुमार शर्मा को आशा है कि सीएम उनके पंचायत सहित बेनीपट्टी प्रखंड का कायाकल्प कर देंगे.
ये थीं प्रमुख घोषणाएं
धकजी उच्च विद्यालय का बाउंड्री वाल निर्माण
धकजरी व नवकरही में स्थित बोरिंग को सुदृढ़ करने
एसएच 52 सड़क के दोनों ओर नाले का निर्माण
महादेव मठ धकजरी के निकट स्थित पेयजलापूर्ति योजना की टंकी को
चालू करना
एसएच 52 बजरंग चैक से अल्पसंख्यक एवं महादलित टोला होते हुए
आरइओ भैरवस्थान तक सड़क निर्माण
एसएच 52 धकजरी माईस्थान से लोहरपट्टी एक नंबर वार्ड होते हुए
आरइओ चंपा माई स्थान तक सड़क निर्माण
चननपुरा कामे चौक से पिछड़ा, अतिपिछड़ा टोला होते आरइओ नवकरही महादेव मठ स्थान सड़क निर्माण