ढूंढते रह जाओगे,नहीं मिलेंगे अधिकारी

लापरवाही. प्रखंड के अधिकारियों के कार्यालय में लटका रहता है ताला हाल रहिका प्रखंड के अधिकारियों का रहिका : सरकार द्वारा अधिकारियों को समय से काम करने, जनता के साथ सही से व्यवहार करने की लाख पहल कर ली जाये, पर हकीकत ठीक इससे इतर ही है. काम करने की बात तो दूर, प्रखंड में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2017 5:13 AM

लापरवाही. प्रखंड के अधिकारियों के कार्यालय में लटका रहता है ताला

हाल रहिका प्रखंड
के अधिकारियों का
रहिका : सरकार द्वारा अधिकारियों को समय से काम करने, जनता के साथ सही से व्यवहार करने की लाख पहल कर ली जाये, पर हकीकत ठीक इससे इतर ही है. काम करने की बात तो दूर, प्रखंड में अधिकारियों के दर्शन तक नहीं होते. आलम यह रहता है कि प्रखंड स्तरीय अधिकारियों के कार्यालयों में कार्य दिवस के दौरान भी ताला लटकता रहता है. ऐसे में काम से आने वाले लोगों को वापस ही जाना पड़ता है. बुधवार को प्रभात पड़ताल में जो बातें सामने आयी वह चौंकाने वाला था.
प्रखंड के सभी अधिकारी के कार्यालय में ताला लगा पाया गया. दिन के करीब 12 बजकर 30 मिनट पर हम प्रखंड कार्यालय पहुंचे. यहां पहले से ही कई लोग एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय का चक्कर काट रहे थे. जगतपुर के राजीव मिश्र बुधवार को आवासीय प्रमाण पत्र बनाने आये थे तो वहीं मारड़ गांव के दीपक यादव को आय प्रमाण पत्र लेना था. दोनों व्यक्ति अंचल
अधिकारी व बीडीओ कार्यालय का चक्कर काट रहे थे. न
अधिकारी मिले और न ही कार्यालय ही ताला खुला मिला.
बीडीओ, सीओ सहित प्रखंड के
अन्य अधिकारियों के कार्यालय कक्ष बंद था.
कभी-कभार ही आते हैं अिधकारी
प्रखंड कार्यालय के अधीनस्थ जितना भी कार्यालय चल रहा है. उसमें कार्यरत कर्मी अपने मन के अनुसार काम करते हैं. न सिर्फ बीडीओ सीओ का कार्यालय बंद था. बल्कि उपर में अवस्थित सीडीपीओ के कार्यालय में ताला लटक रहा था. इसी प्रकार मनरेगा कार्यालय में कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय में ताला लटक रहा था. बाहर में कुछ लोग बैठे हुए थे. उनका कहना था कि सप्ताह में कभी कभार ही अधिकारी कार्यालय आते हैं. अन्य दिन कर्मचारी के भरोसे ही कार्यालय का संचालन होता है. यह नयी बात नहीं है. यहां से लगभग 500 मीटर पर पीएचसी प्रभारी का कार्यालय है. हद तो तब हो गयी जब इनके कार्यालय में भी बड़ा सा ताला लटका मिला. वहां पर घूम रहे कुछ लोग का कहना था कि पीएचसी प्रभारी पिछले 13 सालों से यहां पर कार्यरत हैं. यह कभी भी अपने समय से कार्यालय नहीं आते हैं. इनके आने का समय तीन बजे के बाद है.
तस्वीर देखने के बाद माने अिधकारी
बीडीओ संजीत कुमार ने पहले तो यह कहा कि उनका कार्यालय खुला था. पर जब उन्हें बंद कमरे की तस्वीर दिखायी गयी तो उन्होंने तुरंत बयान बदलते हुए कहा कि वे छुट्टी पर हैं.
वहीं अंचल अधिकारी संजीव रंजन ने बताया है कि उनका कार्यालय हमेशा ही खुलता है. उनका अपना कक्ष उसी समय में खुलता है जब वे अंचल में आते हैं. अक्सर कार्य के लिये उन्हें जिला मुख्यालय में बुलाया जाता है. जिस कारण वे अधिकतर जिला मुख्यालय या फिर क्षेत्र में ही रहते हैं.
बीइओ के बैठने की जगह का पता नहीं
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कहां बैठते हैं, बाहरी आदमी को पता तक नहीं है. कभी लोगों का उनका दर्शन नहीं होता है उनका न तो कार्यालय है और न ही कहीं पर नेम प्लेट लगा हुआ है. वहीं आपूर्ति पदाधिकारी का यही हाल है. साथ ही प्रखंड के दर्जनों प्रखंड स्तर के पदाधिकारी हैं लेकिन उनका आने और जाने का कोई भी समय सीमा नहीं है. जिस कारण लोगों का काम नहीं हो पाता है. साथ ही आधे से अधिक प्रखंड स्तर के पदाधिकारी का न तो कार्यालय का पता है न ही कहीं नेम प्लेट लगा हुआ है.

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