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पंचायत स्तर पर उपज का मिले उचित मूल्य

कार्यक्रम . प्रभात खबर के आयोजन में राढ़ी दक्षिणी पंचायत के लोगों ने रखे अपने विचार कमतौल / जाले : राढ़ी दक्षिणी पंचायत में ‘प्रभात ख़बर आपके द्वार’ कार्यक्रम में लोगों का कहना था कि विकास का कार्य तो हो रहा है पर उतना नहीं जितना होना चाहिए था. जनोपयोगी कार्य ढंग से नहीं होने […]

कार्यक्रम . प्रभात खबर के आयोजन में राढ़ी दक्षिणी पंचायत के लोगों ने रखे अपने विचार

कमतौल / जाले : राढ़ी दक्षिणी पंचायत में ‘प्रभात ख़बर आपके द्वार’ कार्यक्रम में लोगों का कहना था कि विकास का कार्य तो हो रहा है पर उतना नहीं जितना होना चाहिए था. जनोपयोगी कार्य ढंग से नहीं होने पर लोगों ने नाराजगी भी जतायी. किसानों, महिलाओं, युवाओं के लिए विशेष योजना संचालित किये जाने की बात उठी. लोगों ने कहा कि सड़क, स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा के क्षेत्र में लंबित योजना को तेजी से संचालित किया जाना चाहिए.
शिलान्यास और कार्य शुरू के बाद अधिकांश अधिकारी और जन प्रतिनिधि पुरानी योजनाओं को भूल नयी योजनाओं के चयन में रुचि लेने लग जाते हैं. पुराने का क्या हुआ, कोई पूछने नहीं आता. ग्रामीणों का कहना था कि सिर्फ भवन बन जाने से विकास नहीं होता, संसाधन होने चाहिए, जिससे लाभ मिल सके. लाखों रुपये की लागत से बना स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर हो गया. पुस्तकालय बंद है. पंचायत का चहुमुखी विकास तब ही संभव है जब समग्र योजना बनाकर कार्य हो.
पंचायत एक नजर में
गांव की संख्या : दो नरौछ व बिहारी
जनसंख्या : करीब 13 हजार (वर्ष 2011 के अनुसार 11000)
मतदाताओं की संख्या : 7786
वार्ड : 15
मध्य विद्यालय : एक
प्राथमिक विद्यालय : चार
आंगनबाड़ी केंद्र : 11
मान्यता प्राप्त मदरसा : एक
आशा : नौ
सरकारी नलकूप : एक (वर्षों से बंद)
मंदिर : सात
मस्जिद : तीन (नरौछ में)
इन चीजों की है जरूरत
संसाधन से लैस स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण
बंद सरकारी नलकूप हो चालू
उच्च विद्यालय की स्थापना
गौतमाश्रम के रास्ते अहल्यास्थान तक बस सेवा
पंचायत सरकार भवन का निर्माण
तीन तरफ से पंचायत को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का निर्माण
सड़कों के किनारे नाला का निर्माण
कुटीर उद्योग प्रशिक्षण केंद्र
पुस्तकालय
अभी तक हर घर नल का जल योजना शुरू नहीं
पंचायत में विकास कार्य की रफ्तार सुस्त है. इसमें तेजी की आवश्यकता है. योजनाओं में सरकारी हस्तक्षेप से विकास बाधित होता है. किसानों के लिए पंचायत में कोई योजना नहीं है. समय पर खाद-बीज मिले, कृषि उपज का उचित मूल्य मिले, इसकी व्यवस्था पंचायत स्तर पर होनी चाहिए.
दशरथ महतो, ग्रामीण
पंचायत के विकास के लिए सरकार पैसा तो दे रही है, मगर उसमें इतना अधिक पेच रहता है, कि भय से प्रतिनिधि पैसों को छूना मुनासिब नहीं समझते हैं. बाढ़ की विभीषिका का लाभ इसी कारण अधिकांश लोगों को नहीं मिल पाया है.
चंद्रकिशोर झा, ग्रामीण
जिस रफ्तार से सड़कों का निर्माण हो रहा है, उसके साथ नाला का निर्माण हो जाना चाहिए. इससे जल जमाव की समस्या से निजात मिल जाती. जब नाला निर्माण का समय आयेगा, तब तक सड़क की स्थिति जर्जर हो जायेगी. पंचायत सरकार भवन नहीं होने से ग्राम कचहरी किराया के मकान में चल रहा है.
उषा देवी, वार्ड पंच
युवाओं और महिलाओं को रोजगार मिले. कुटीर उद्योग और कौशल विकास केंद्र का निर्माण पंचायत स्तर पर होना चाहिए. नजदीक में सुविधा मिलने से अधिक संख्या में युवा और महिला प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे.
सतीश चंद्र झा, ग्रामीण
ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार के लिए केंद्र स्थापित होना चाहिए. पंचायत में एक उच्च विद्यालय की स्थापना होनी चाहिए. बच्चियों को चार किलोमीटर दूर प्लस टू ठाकुर विंदेश्वर शर्मा हाइ स्कूल जाना पड़ रहा है.
इन्द्रासन देवी, वार्ड पंच
लाखों रुपये खर्च कर स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनाया गया था पर संसाधन उपलब्ध नहीं कराया जा सका. अब तो उपकेंद्र का भवन जर्जर हो गया. पंचायत में कभी दो पुस्तकालय हुआ करता था. आज उसका वजूद मिट गया है.
मोती अंसारी, वार्ड सदस्य
पंचायत को जोड़ने वाली चारों तरफ की सड़कें अच्छी नहीं है. इससे आवागमन में परेशानी होती है. पंचायत सरकार भवन का निर्माण होना चाहिए. ग्राम कचहरी को चौकीदार की सेवा मिलनी चाहिए. न्याय प्रक्रिया में कठिनाई होती है.
वार्ड 15 में हर घर शौचालय का निर्माण कार्य प्रगति पर है. हर घर नल का जल के लिए प्रयासरत हैं. पूरे पंचायत को बिजली से रोशन करने का सपना पूरा नहीं हो सका है. युवाओं, महिलाओं और किसानों के उत्थान के लिए कुछ विशेष करने की आवश्यकता है.
आश नारायण ठाकुर, वार्ड सदस्य
नरौछ चौक से कुम्हरौली जाने वाली आरइओ सड़क की मरम्मत की आवश्यकता है. पांच साल पहले ब्रह्मपुर से मिल्की जाने वाली सड़क अब मरम्मत की बाट जोह रही है. सड़क आदि के मरम्मत लगातार होती रहनी चाहिए.
जफीरुल हक, उप मुखिया
हर घर नल जल योजना शुरू नहीं हो सकी है. प्रखंड में मात्र दो मशीन है, जिसकी वजह से जलमीनार बनाने का कार्य लंबित है. लोहिया स्वच्छता योजना का काम शुरू है. सरकारी नलकूप को चालू करवाने, स्वास्थ्य केंद्र का भवन निर्माण कराने सहित संसाधन उपलब्ध कराने, उच्च विद्यालय की स्थापना, प्रमुख सड़कों का निर्माण कराने में पंचायत सक्षम नहीं है. इसके लिए सांसद, विधायक के साथ संबंधित विभागीय अधिकारी को ध्यान देना होगा.
स्वच्छता अभियान के तहत वार्ड 13 ओडीएफ हो गया है. वार्ड 15 ओडीएफ होने के कगार पर है. सरकारी पेच की वजह से योजना परवान नहीं चढ़ रही है. पंचायत प्रतिनिधि पंचायत का सर्वांगीण विकास नहीं कर सकते हैं. इसके लिए अलग से कोई विशेष योजना संचालित करनी होगी.
सुशील प्रसाद, ग्रामीण
पंचायत में 11 आंगनबाड़ी केंद्र है. सभी जैसे-तैसे चल रहा है. सिर्फ 11 नंबर वार्ड में ही केंद्र का भवन है. शेष यत्र-तत्र चलता है. सभी केंद्र को भवन की आवश्यकता है. विद्यालय में शिक्षक की कमी है. एक प्राथमिक विद्यालय ऐसा है, जिसमें खिड़की-दरवाजे तक नहीं है.
अब्दुल कयूम अंसारी, ग्रामीण
विकास जब सापेक्ष रुप से होगा, तभी सभी को दिखेगा. पहले के प्रतिनिधियों को सरकार द्वारा संसाधन उपलब्ध नहीं कराया जाता था. अब विकास के लिए सरकार लाखों रुपये देती है. प्राथमिकता के आधार पर विकास नहीं किया जा रहा. वैसे इसमें कई सरकारी पेच भी है.
राम प्रकाश राउत, ग्रामीण
पहले की अपेक्षा पंचायत का विकास हुआ है. यह दिखता भी है. विकास का कार्य सतत चलने वाली प्रक्रिया है. इसे चलते रहना चाहिए. पंचायत के प्रतिनिधि से लेकर ऊपर के प्रतिनिधियों को इसमें सहयोग करते रहना चाहिए.
पचकौड़ी राउत, ग्रामीण

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