पटना : बिहार सरकार इन दिनों जोर शोर से बाल विवाह और दहेज विरोधी अभियान चला रही है. सरकार के इस प्रयास का असर बिहार के ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिल रहा है. सूबे में कई ऐसे मामले सामने आये हैं, जहां स्थानीय लोगों ने विरोध कर शादी रुकवा दी है और दोषियों को कानून के हवाले किया है. बिहार के मधुबनी जिले में कुछ ऐसा ही हुआ है. जहां एक माता-पिता को अपनी नाबालिग बेटी की शादी कराना काफी महंगा पड़ा है. मामले में मधुबनी के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलेंद्र कुमार शर्मा की कोर्ट ने बाल विवाह कानून उल्लंघन करने के आरोप में लड़का-लड़की के माता-पिता को जेल भेजने का आदेश दिया है.
जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने कार्रवाई करते हुए दूल्हे-दुल्हन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दूल्हे को जहां जेल भेज दिया गया है, वहीं दूसरी ओर दुल्हन को रिमांड होम में भेजने का आदेश दिया गया है. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस अब लड़के के माता-पिता की खोज में है. बाल विवाह अधिनियम के तहत राज्य में इस तरह की पहली कार्रवाई हुई है. कोर्ट ने लड़की के माता-पिता सुनीता देवी और कुशेश्वर ठाकुर को जेल भेजने का आदेश दिया है. सरकारी अधिवक्ता ने मीडिया से कहा कि मधुबनी के देवधा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग किशोरी की शादी 20 वर्षीय रवींद्र कुमार के साथ कर दी गयी. इस शादी के बाद लड़के-लड़की के माता-पिता के साथ कुछ गांव के लोग भी मौजूद थे. गांव के चौकीदार की सूचना पर मामला दर्ज किया गया.
बाद में इस मामले में जब थानाध्यक्ष ने लड़के-लड़की का मेडिकल जांच कराया, तो दोनों की उम्र शादी करने की नहीं पायी गयी. उसके बाद दोनों को पुलिस ने मौके से ही गिरफ्तार कर लिया. वर-वधु की गिरफ्तारी के बाद लड़की के माता-पिता कोर्ट पहुंचे. हालांकि, लड़की की ओर से उनके अधिवक्ता ने सामाजिक दबाव में शादी होने की बात बतायी, लेकिन कोर्ट ने सभी दलीलों को मानने से इनकार कर, उन्हें जेल भेजने का आदेश दे दिया. फिलहाल, नाबालिग किशोरी के विवाह को लेकर दोनों पक्षों पर कार्रवाई चल रही है. लड़के के परिवार के लोग फरार बताये जा रहे हैं. पुलिस इस मामले में लड़के के माता-पिता की तलाश में छापेमारी कर रही है.
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