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प्रावि में चल रहा हाजिरी बनाने का खेल

मधुबनी : सरकार विभिन्न योजनाओं को चलाकर शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती है. योजनाओं का लाभ निर्धन छात्रों तक पहुंचे जिससे पढाई में इन्हें किसी तरह की चिंता हो. बच्चे मन से पढाई कर एक सभ्य नागरिक बने. इसके लिए प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक विभिन्न योजनाएं चला रही है. एमडीएम, पोशाक, छात्रवृत्ति सहित कई […]

मधुबनी : सरकार विभिन्न योजनाओं को चलाकर शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती है. योजनाओं का लाभ निर्धन छात्रों तक पहुंचे जिससे पढाई में इन्हें किसी तरह की चिंता हो. बच्चे मन से पढाई कर एक सभ्य नागरिक बने. इसके लिए प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक विभिन्न योजनाएं चला रही है. एमडीएम, पोशाक, छात्रवृत्ति सहित कई योजनाओं का चला कर बच्चों को पढाई के प्रति प्रोत्साहित करती है. पर इस योजनाओं पर नीचे से उपर तक नजर टीकी रहती है.

जिसे जहां मौका मिलता वो बहती गंगा में हाथ धोने में पीछे नहीं रहते. शहर के वार्ड नंबर 26 स्थित प्राथमिक विद्यालय में आलम यह है कि सौ छात्रों के बैठने की जगह नहीं है. जबकि नामांकन 180 का है. हालांकि 50 से 60 छात्र यहां जरूर पहुंचते हैं. पर उपस्थिति पंजी पर रोजाना 150 से हाजिरी बनती है. इस हाजिरी के खेल में रोजाना 100 अतिरिक्त छात्रों का एमडीएम बन जाता है.

दो कमरा में चलता विद्यालय. प्राथमिक विद्यालय मिश्र टोला दो कमरा में चलता है. नामांकित 180 छात्र है. उपस्थित छात्र जमीन पर बैठकर पढाई करते हैं. एक कमरा में प्रधानाध्यापक कक्ष के अलावे एमडीएम का समान रखा हुआ है. जिसमें चौथी एवं पांचवीं के छात्र बैठते है. जबकि दूसरे कमरा में पहला, दूसरा तथा तीसरा के छात्र एक साथ बैठते हैं. दो शिक्षक एक कमरा में तथा तीन शिक्षक दूसरे कमरा में एक साथ कक्षा में बच्चों को पढ़ाते हैं. अनुमान लगा सकते हैं कि बच्चे को ये क्या पढाते होंगे. छात्र विद्यालय से चले जाते है. इन्हें पता नहीं रहता. विद्यालय के पीछे डबरा तथा आगे मुख्य सड़क होने के कारण दुर्घटना के संकेत दे रही है.
कभी हो सकता हादसा. प्राथमिक विद्यालय मिश्र टोला के बच्चे कभी भी बड़े हादसा के शिकार हो सकते हैं. स्कूल के ठीक सामने मुख्य सड़क है जबकि पीछे डबरा है. विद्यालय से सटे बिजली का ट्रांसफार्मर है. विद्यालय किसी भी रूप से सुरक्षित नहीं है. चार दिवारी के लिए जो पैसा आया वह वापस कर दिया गया. जबकि मध्याह्न भोजन में खाना नहीं बनने के बाद भी पैसा मंगा लिया जाता है.
एमडीएम योजना में अनियमितता
भले ही बच्चों के लिए प्रतिदिन मध्याह्न भोजन बनता हो पर इसमें भारी अनियमितता से इनकार नहीं किया जा सकता. बच्चे की उपस्थिति भले ही 50 ही रहता है पर प्रतिदिन उपस्थिति पंजी पर रोजाना करीब 150 से अधिक छात्र उपस्थित रहते है.
जांच के समय 60 बच्चे उपस्थित थे, जबकि उपस्थिति पंजी पर 161 बच्चों की हाजिरी बनी हुई थी. इससे जाहिर होता है कि मध्याह्न भोजन में अनियमितता करने के उद्देश्य से हाजिरी बनायी जाती है. हालांकि प्रधानाध्यापिका वीणा कुमारी बताती है कि कुछ बच्चे आज हाजिरी बना कर चले गये है.
खुले आसमान के नीचे बनता एमडीएम
प्राथमिक विद्यालय में अब तक किचेन शेड का निर्माण नहीं कराया गया. जिसके कारण खुले आसमान के नीचे बच्चों के लिए खाना बनता है. स्कूल के बरामदा के ठीक नीचे मुख्य सड़क है जहां से सैकड़ों छोटे- वाहन धूल उड़ाते गुजरती है. बच्चों के लिए बनने वाली खाना के उपर धुल जम जाती है. वहीं शौचालय के समीप खाना बनने से मक्खियां खाना पर बैठी रहती. इससे बच्चे बीमार पर सकते है. शीघ्र इसका समाधान नहीं किया गया तो बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं.
प्राथमिक विद्यालय मिश्र टोला में चलता हाजिरी बनाने का खेल
खेलने को जगह नहीं, ट्रांसफॉर्मर कभी भी बन सकता है हादसे का कारण

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