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11 डाॅक्टरों के सहारे अस्पताल की व्यवस्था

प्रतिदिन लगभग 600 मरीजों का होता है पंजीकरण 11 नियमित चिकित्सकों के सहारे जिला अस्पताल मॉडल अस्पताल की कवायद शुरू मधुबनी : सदर अस्पताल में नियमित चिकित्सकों का घोर अभाव है. वर्तमान में ग्यारह नियमित चिकित्सकों के सहारे ही प्रतिदिन आने वाले लगभग 600 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. 66 स्वीकृत पद के […]

प्रतिदिन लगभग 600 मरीजों का होता है पंजीकरण

11 नियमित चिकित्सकों के सहारे जिला अस्पताल
मॉडल अस्पताल की कवायद शुरू
मधुबनी : सदर अस्पताल में नियमित चिकित्सकों का घोर अभाव है. वर्तमान में ग्यारह नियमित चिकित्सकों के सहारे ही प्रतिदिन आने वाले लगभग 600 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. 66 स्वीकृत पद के विरुद्ध मात्र 15 चिकित्सक पदस्थापित है. जिसमें 4 चिकित्सक कई माह से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित है. जानकारी के अनुसार 359 चिकित्सक के विरुद्ध 93 चिकित्सक पदस्थापित जिला में नियमित चिकित्सकों का कुल स्वीकृत पद 359 है. जिसके विरुद्ध वर्तमान में मात्र 93 नियमित चिकित्सक पदस्थापित है. जिसमें कार्यरत चिकित्सकों की संख्या मात्र 76 है. इसके अलावा संविदारत एमबीबीएस चिकित्सक 28 है. जिसमें 17 चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तथा 12 एमबीबीएस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत है.
66 के विरुद्ध 11 चिकित्सक है कार्यरत. सदर अस्पताल में चिकित्सकों का कुल स्वीकृत पद 66 है. जिसके विरुद्ध 15 चिकित्सक पदस्थापित है. वहीं 4 ऐसे चिकित्सक हैं, जो वर्ष 2016 व 17 से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित है. सदर अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो प्रतिदिन लगभग छह सौ मरीजों का पंजीकरण होता है. जिसका उपचार प्रतिदिन ओपीडी के विभिन्न विभागों में तैनात चिकित्सकों द्वारा किया जाता है.
10 चिकित्सक कई माह से अनुपस्थित . जिला में 10 चिकित्सक ऐसे हैं जो लंबे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित है. जिसमें 4 चिकित्सक सदर अस्पताल के ही है. इसके अलावा तीन चिकित्सक अनुमंडलीय अस्पताल झंझारपुर, एक चिकित्सक अनुमंडलीय अस्पताल फुलपरास, एक चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बासोपट्टी व एक चिकित्सक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंधराठाढ़ी के शामिल है.
निर्देश मिलते ही पूरा करने की होगी पहल . सिविल सर्जन डा. अमरनाथ झा ने बताया कि कार्यपालक निदेशक ने अपने निरीक्षण के क्रम में चिकित्सकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया है. चिकित्सकों की कमी को दूर करने की जो पहल करनी होगी उसे पूरा किया जायेगा. जिससे कि जिला में लोगों को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सके.
आठ साल में नहीं हो सकी सीटों में बढ़ोतरी
सदर अस्पताल को 100 बेड से 500 बेड में वर्ष 2010 में सूबे के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री द्वारा उत्क्रमित करने की घोषणा कर दी गयी. लेकिन, आठ वर्ष बीतने के बाद भी अब तक अस्पताल वहीं 100 बेड में ही रेंगता नजर आ रहा है, और उसमें भी चिकित्सकों की कमी का आलम यह है कि जिला अस्पताल में केवल 11 नियमित चिकित्सक व दो संविदारत चिकित्सक ही कार्यरत है. इतना ही नहीं सदर अस्पताल में वर्तमान में एंस्थेटीक चिकित्सक भी उपलब्ध नहीं है. पूर्व में एक एनेस्थेटिक चिकित्सक कार्यरत थे जो 31 मार्च को अपना इस्तीफा सौंप कर डीएमसीएच चले गये. गत दिनों कार्यपालक निदेशक द्वारा जिला अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा दिये जाने की घोषणा की गयी.

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