छावनी में तब्दील हो गया था जनकरपुरधाम सुरक्षा की कमान संभाले जवान.

जनकपुर/मधुबनी : भारतीय प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर शुक्रवार को पूरा जनकरपुर धाम छावनी में तब्दील हो गया था. चप्पे चप्पे वर नेपाली सेना व प्रहरी सुरक्षा बलों के जवान तैनात थे. हवाइ अड्डा से लेकर जानकी मंदिर व बाहरबीघा मैदान के मुख्य मार्ग से आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2018 4:36 AM

जनकपुर/मधुबनी : भारतीय प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर शुक्रवार को पूरा जनकरपुर धाम छावनी में तब्दील हो गया था. चप्पे चप्पे वर नेपाली सेना व प्रहरी सुरक्षा बलों के जवान तैनात थे. हवाइ अड्डा से लेकर जानकी मंदिर व बाहरबीघा मैदान के मुख्य मार्ग से आम लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी थी. सुरक्षा इंतजाम ऐसा कि परिंदा भी बिना इजाजत पर नही मार सकता. मोदी अपने निर्धारित समय से करीब एक घंटे बिलंब से जनकपुर हवाइ अड‍्डा पहुंचे.

इससे पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली जनकपुर स्थित प्रहरी चौकी मैदान में सेना के विशेष हवाई जहाज से पहुंचे. मोदी के हवाई अड‍्डा पर पहुंचते ही प्रधानमंत्री , रक्षा मंत्री इश्वर पोखरैल, जनकपुर प्रदेश दो के मुख्यमंत्री लाल बाबू रावत, उपमहानगरपालिका के प्रमुख लाल किशोर साह व अन्य मंत्रियों ने पीएम मोदी का स्वागत किया. यहां से वे सड़क मार्ग से सीधे जानकीमंदिर पहुंचे. करीब 25 मिनट तक मोदी ने मां जानकी के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना किया व मां जानकी की आरती भी उतारी. प्रमुख महंथ राम तपेश्वर दास व कनिष्ठ महंथ रौशन दास ने उन्हें विधिवत पूजा अर्चना करायी.

101 ब्राह्मण इस दौरान वेदपाठ करते रहे. मोदी को मंदिर के महंथ ने तिलक लगाया व आशीष दिया. इसके बाद मंदिर प्रांगण स्थिल सालों से चल रहे कीर्तन भजन कर रहे साधु संत से भी पीएम मोदी मिले. इसके बाद वे बारहबीघा मैदान के लिये रवाना हुए. पर नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली मंदिर में पूजा अर्चना के बाद ही वापस लौट गये. वे बारहबीघा मैदान में मोदी के साथ नही आये. यहां पर सरकार के रक्षा मंत्री इश्वर पोखरैल ने उनका स्वागत किया. जबकि जनकपुर के उपमहानगरपालिका के प्रमुख लाल किशोर साह ने मैथिली व हिंदी में उनका अभिनंदन किया. पीएम मोदी के आगमन को लेकर भारत नेपाल सीमा से ही सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दिया गया था.

सीमा में आने जाने वालों को बिना सही पहचान पत्र के प्रवेश पर रोक लगी थी वही वाहनों व सामान की भी सघन तलाशी के बाद ही नेपाली क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मिल रही थी. जबकि जनकपुर से करीब तीन किलोमीटर पहले ही हनुमाननगर के हनुमान चौक को ब्लॉक कर दिया गया था. इस मार्ग से लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी थी. जनकरपुर के मकानों पर सेना के जवानों ने चौकसी लगा दी थी. किसी भी संभावित खतरो से निबटने के लिये सेना के जवान पूरे तौर पर तत्पर दिख रहे थे.

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