शांति से हर एक बात को सुनना चाहते थे आतुर लोग

मधुबनी : लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा था. ऐतिहासिक रंगमंच बारहबीघा मैदान में तिल रखेने को भी जगह नहीं था. लोग सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में बारहबीघा मैदान की ओर बढ रहे थे. करीब एक लाख की संख्या, उत्साहित पर पूरी तरह मर्यादित. तेज धूप होने, पसीने से तर बतर होने के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2018 4:36 AM

मधुबनी : लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा था. ऐतिहासिक रंगमंच बारहबीघा मैदान में तिल रखेने को भी जगह नहीं था. लोग सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में बारहबीघा मैदान की ओर बढ रहे थे. करीब एक लाख की संख्या, उत्साहित पर पूरी तरह मर्यादित. तेज धूप होने, पसीने से तर बतर होने के बाद भी कोइ शोर गुल नही. घंटो धैर्य से मोदी के एक झलक पाने, उन्हें देखने उन्हें सुनने को बेताब. जैसे ही मोदी मंच पर आये, लोगों ने ताली बजा कर स्वागत किया.

इसके बाद तो मोदी – मोदी के नारों से पूरा मैदान गुंजायमान होने लगा. जैसे ही मोदी ने बोलना शुरू किया. पूरी तरह खामोशी. कहीं कोई आवाज नहीं. लग रहा था कि एक एक बात को लोग अपने दिल में समेट लेना चाहते हैं, इसे सहेजना चाहते हैं. क्या आम क्या संत, क्या पुरूष क्या महिला. यह बताना या आंकलन करना मुश्किल था कि संख्या किसकी अधिक है. युवा उत्साहित. मैदान में जगह कम पड़ गया तो लोगों ने बारहबीघा मैदान के बगल के घरों के छत, दीवाल पर अपना अपना जगह बनाना शुरू कर दिया. हर गलिया लोगों के आने जाने से भर गया था.

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