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बिहार में 48 घंटे के अंदर एक ही परिवार के तीन बच्चों की हुई मौत, 4 बच्चों को खोकर माता-पिता की हालत भी बनी नाजुक

डीएमसीएच के शिशु विभाग में दो दिन के भीतर एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गयी. उधर माता- पिता की स्थिति भी गंभीर है. जानकारी के अनुसार मधुबनी से आये तीनों बच्चों को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया. इलाज के क्रम में शनिवार की सुबह एक पुत्र की मौत हो गयी. इसी बीच देर रात उसकी एक और पुत्री ने दम तोड़ दिया. रविवार की सुबह परिजन की आखिरी पुत्री की भी मौत इलाज के क्रम में हो गयी. बताया जाता है कि परिजन का पहला पुत्र भी 15 दिन पहले मौत को प्राप्त हो गया था. माता-पिता की हालत भी सीरियस बनी हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2021 12:19 PM

डीएमसीएच के शिशु विभाग में दो दिन के भीतर एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गयी. उधर माता- पिता की स्थिति भी गंभीर है. जानकारी के अनुसार मधुबनी से आये तीनों बच्चों को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया. इलाज के क्रम में शनिवार की सुबह एक पुत्र की मौत हो गयी. इसी बीच देर रात उसकी एक और पुत्री ने दम तोड़ दिया. रविवार की सुबह परिजन की आखिरी पुत्री की भी मौत इलाज के क्रम में हो गयी. बताया जाता है कि परिजन का पहला पुत्र भी 15 दिन पहले मौत को प्राप्त हो गया था. माता-पिता की हालत भी सीरियस बनी हुई है.

बता दें कि भर्ती किये गये तीनों बच्चों को सांस की समस्या थी, लेकिन कोरोना जांच में रिपोर्ट निगेटिव आयी. इस प्रकार तीन बच्चे समेत मधुबनी के दंपती की चारो संतान की मौत हो चुकी है. परिजनों का कहना है कि बीमार बच्चों का लक्षण कोरोना जैसा ही था. सभी को सांस की समस्या थी.

वहीं विभागीय चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों में एनिमिया की शिकायत थी. बच्चों को खून चढ़ाने की सलाह दी गयी थी, लेकिन परिजनों ने ब्लड नहीं चढ़ाया. डॉक्टरों के अनुसार बच्चों की मौत हर्ट फेल्योर व सांस की विफलता से हुई है. बताया कि सही तथ्य की जानकारी पोस्टमार्टम के बाद सामने आयेगी.

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बता दें कि डीएमसीएच से संबद्ध 17 निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है. आरक्षित 272 बेड में 138 बेड रविवार को खाली रह गया. प्राइवेट हॉस्पिटल निगरानी कोषांग ने वरीय नोडल सह एडीएम विभूति रंजन चौधरी को दैनिक प्रतिवेदन सौंपा है. इसके अनुसार 134 बेड पर रोगी इलाज करा रहे थे.

वहीं हेरिटेज हॉस्पिटल के चार बेड खाली थे. जबकि आरबी मेमोरियल के 12, आइबी स्मृति आरोग्य सदन के 25, जोगेंद्र मेमोरियल एवं श्यामा सर्जिकल के आठ-आठ, विशुद्धानंद हॉस्पिटल के 11 बेड खाली थे.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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