दो कदम की दूरी ही तय कर सका लाल परची अभियान
शहर में फिर सड़कों पर ही लगने लगे वाहन, चालकों में नहीं रहा अधिकारियों का डर ट्रैफिक विभाग पुलिस बल की कमी का रो रहा रोना पिछले साल लाल परची से हुई थी 48 हजार रुपये की वसूली मधुबनी : शहर की समस्याओं को दूर करने के लिये प्रशासनिक स्तर चलने वाली अधिकांश अभियान महज […]
शहर में फिर सड़कों पर ही लगने लगे वाहन, चालकों में नहीं रहा अधिकारियों का डर
ट्रैफिक विभाग पुलिस बल की कमी का रो
रहा रोना
पिछले साल लाल परची से हुई थी 48 हजार रुपये की वसूली
मधुबनी : शहर की समस्याओं को दूर करने के लिये प्रशासनिक स्तर चलने वाली अधिकांश अभियान महज कुछ ही कदम चल पा रही है. माह दो माह में ही योजनाएं दम तोड़ रही है. इन दिनों शहर में हर चौक चौराहों व अन्य जगहों, सार्वजनिक स्थलों पर सड़क पर ही बाइक व चार पहिये लगा दिया जा रहा है. यह नयी बात नहीं है. सालों से इस परेशानी से लोग जूझ रहे हैं. इस समस्या से निजात दिलाने के लिये बीते दिनों परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाये.
सड़क पर बाइक लगाने वालों से लाल परची थमा दिये जाने के बाद जुर्माना वसूल किया गया. पर यह अभियान दो कदम की ही दूरी तय कर सका. कुछ ही दिन में पहल को चुपके से बंद कर दिया गया. कारण किसी को पता नहीं.
वाहन चालकों में था जुर्माने का खौफ
साल भर पहले परिवहन विभाग द्वारा शहर में बेतरतीब ढंग से गाड़ी लगाने, बगैर कागजात के वाहन के परिचालन करने व नबालिक बच्चों के गाड़ी परिचालन पर परिवहन विभाग द्वारा लाल परची थमा दिया जाता था. लाल परची लगने के बाद वाहन स्वामी को परिवहन कार्यालय आकर जुर्माना भरना पड़ता था. इस कार्रवाई से वाहन चालकों में हड़कंप मचा था. वाहन चालक अपने कतार में वाहन चलाते थे. यहां वहां गाड़ियों को रोकने का चलन कुछ हद तक कम हो गया था. लाल परची का डर अवैध वाहन चालको, नाबालिक चालकों एवं अपने साइड छोड़कर दूसरे साइड में मोटर साइकिल चालकों के बीच समा गया था. इस कारण जाम की समस्या से भी कुछ हद तक निजात मिली थी.
अब नहीं रहा लाल परची का भय
शुरूआत के दिनों के तीन- चार माह यह अभियान तो काफी तेज चला. दर्जनों वाहनों चालकों को लाल परची के तहत जुर्माना भरना पड़ा. पर लाल परची का उपयोग लगभग बंद हो जाने के कारण पुन: वाहन चालकों की मनमानी सड़क पर दिखने लगी है. यहां- वहां विभिन्न चौक- चौराहों पर ई रिक्सा, ऑटो, बस एवं मोटरसाइकिल लगी रहती है. इस कारण शहर में जाम की स्थिति भयावह हो गयी है. खास कर कार्य अवधि में 10 से 5 बजे तक शहर में जाम के कारण घंटो लोगों को कड़ी धूप में परेशानी होती है.
ट्रैफिक प्रभारी नहीं करते कार्रवाई
जानकारी के अनुसार लाल परची को काटने का अधिकारी जिला मुख्यालय में ट्रैफिक प्रभारी को दिया गया है. ट्रैफिक प्रभारी इस परची का उपयोग कम कर कर बल की कमी का रोना रोते हैं. ट्रैफिक प्रभारी शंकर सिंह ने कहा कि ट्रैफिक में मात्र 9 सिपाही है जिसमें चार बुजूर्ग सिपाही हैं. ऐसे में ट्रैफिक को नियंत्रित करने में ही समय गुजर जाता है. जिस कारण चालान काटने में परेशानी होती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
लाल चालान परची के संबंध में परिवहन पदाधिकारी सुजीत कुमार ने कहा कि लाल परची एमबीआई व ट्रैफिक प्रभारी के द्वारा काटा जाता है. पिछले वर्ष अप्रैल से मार्च तक में इस चालान के द्वारा 48200 रुपया एमवीआई व विभिन्न थाना के द्वारा जुर्माना वसूल किया गया. इस वर्ष 2 माह में एमवीआई के द्वारा 10200 रुपया का चलान काटा गया है. इसमें और तेजी लाई जायेगी. थाना स्तर पर भी कार्रवाई की अपेक्षा है.