10 करोड़ बकाया, नोटिस से आगे नहीं बढ़ी कार्रवाई
मधुबनी : बिजली विभाग में दो प्रकार के कानून हैं. एक सरकारी एक प्राइवेट. चौंकिये मत! यह सौ फीसदी सच है. अब जरा इन कानून का मतलब भी समझ लें. सरकारी कानून का पालन करते हुए बिजली विभाग उन विभागों का एक दिन का भी लाइन नहीं काटती है जिन पर पांच करोड़ तक का […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 20, 2018 6:27 AM
मधुबनी : बिजली विभाग में दो प्रकार के कानून हैं. एक सरकारी एक प्राइवेट. चौंकिये मत! यह सौ फीसदी सच है. अब जरा इन कानून का मतलब भी समझ लें. सरकारी कानून का पालन करते हुए बिजली विभाग उन विभागों का एक दिन का भी लाइन नहीं काटती है जिन पर पांच करोड़ तक का बकाया हो. यह आम बात है. सरकारी विभाग को यह खुली छूट है कि वो जब तक चाहें बिजली का उपयोग करें. जब चाहें पैसा दें, न दें. एक करोड़, दो करोड़ की कौन कहे,
पांच करोड़ तक का बकाया यदि होगा तो सरकारी विभाग की लाइन नहीं काटी जायेगी. दूसरी ओर प्राइवेट कानून है. इस कानून के दायरे में वो हर आदमी है जिसके उपर बकाया हो, किसी प्रकार की बिजली गड़बड़ी की शिकायत हो या फिर समय से भुगतान नहीं करते हैं. इस कानून के तहत यदि सामान्य उपभोक्ता के उपर पांच हजार तक का बकाया होता है तो उसका लाइन कटना निश्चित है. इससे उपर रहने पर अलग से भी दंड का प्रावधान है. यह पूरे तौर पर अधिकारियों के उपर है कि वो किस प्रकार का दंड का निर्धारण करते हैं.
सरकारी विभागों पर मेहरबानी. ताजा मामला लें तो वर्तमान में जिला मुख्यालय के विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर करीब दस करोड़ रुपये का बकाया है. साफ तौर पर जाहिर है कि यह बकाया एक दो माह या एक दो साल का नहीं है. सालों से पैसे नहीं दिये जाने का परिणाम है कि इतने बड़े रकम को सरकारी महकमा ने चुकता नहीं किया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर यह मेहरबानी क्यो.
नोटिस से आगे नहीं हुई पहल . अब जरा विभागीय अधिकारियों की मेहरबानी पर भी ध्यान दिया जाय. विभाग के अधिकारी सरकारी महकमा के उपर आज तक नोटिस भेजने से अधिक की कार्रवाई नहीं करते. जब कभी समाचार पत्रों में इन बकायेदारो को लेकर खबर प्रकाशित होती है, विभाग नोटिस जारी करती है. इस बात को खुद विभागीय अधिकारी भी कबूल करते हैं. राजस्व पदाधिकारी भी कहते हैं कि विभाग को नोटिस भेजी जायेगी.
दो प्रकार के कानून का पालन होता बिजली विभाग में
राजस्व का नहीं हो रहा लक्ष्य पूरा
आम लोगों के ऊपर पांच हजार रुपये बकाया होने पर कटती है लाइन
नलकूप पर पांच करोड़ के बाद भी लाइन चालू
किस विभाग पर है बकाया
बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद कार्यालय पर 2 करोड़ से ज्यादा बकाया है. जबकि सबसे अधिक रकम स्टेट ट्युवबेल विभाग पर है. इस विभाग पर 5 करोड़ रुपये बकाया है. इसी प्रकार शिक्षा विभाग में जयनगर, बाबूबरही, बासोपट्टी बीईओ कार्यालय पर 18 लाख रुपये बकाया है. जबकि, जिले के 48 उच्च विद्यालय प्राइमरी स्कूल पर विभाग का 75 लाख रुपये बकाया है. बेनीपट्टी प्रखंड कार्यालय पर लगभग दो लाख रुपये बकाया है. एसडीओ दूरसंचार विभाग पर लगभग 19 हजार रुपये बकाया है. विभाग के राजस्व पदाधिकारी एकबाल अंजुम ने बताया कि इसके अतिरिक्त 36 सरकारी आवास पर लगभग 14 लाख रुपये बकाया है.
दो माह में 1500 उपभोक्ताओं की काटी गयी बिजली
बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अप्रैल से लेकर 15 जून तक 10 हजार से ज्यादा बकाया को लेकर 1000 हजार उपभोक्ता का लाइन बिजली विभाग द्वारा काटा गया है. वहीं बिजली चोरी को लेकर 500 उपभोक्ता का लाइन विभाग द्वारा काटा गया है. बिजली विभाग के राजस्व पदाधिकारी एकबाल अंजुम ने बताया कि मार्च माह में जिस कार्यालय से राशि आया था उस कार्यालय को छोड़कर बाकी कार्यालय में अगले माह के बिल के साथ लाईन काटने का नोटिस दिया जायेगा.
अंजुम ने बताया कि सामान्य उपभोक्ता को प्रत्येक माह अपना विपत्र का भुगतान करना है. लेकिन, सरकारी विभाग में आवंटन आने पर ही भुगतान की व्यवस्था है. अंजुम ने बताया कि बड़े बकायेदार का लाइन काटने को लेकर आदेश मांगा गया है. आदेश आते ही लाइन काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.