नमो को फिर प्रधानमंत्री बना कर राजद-कांग्रेस की राजनीति को विफल करें : सुशील मोदी
मधुबनी : बिहार के मधुबनी के खुटौना में भाजपा अति पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा आयोजित ‘विशाल अति पिछड़ा समागम’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपील की कि पहली बार अति पिछड़ा वर्ग से देश के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी को दुबारा मौका देकर राजद-कांग्रेस की राजनीति को विफल करें. राजद-कांग्रेस ने […]
मधुबनी : बिहार के मधुबनी के खुटौना में भाजपा अति पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा आयोजित ‘विशाल अति पिछड़ा समागम’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपील की कि पहली बार अति पिछड़ा वर्ग से देश के प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी को दुबारा मौका देकर राजद-कांग्रेस की राजनीति को विफल करें. राजद-कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में जहां अतिपिछड़ों को पंचायत चुनाव में आरक्षण नहीं दिया वहीं उन्हें चुन-चुन कर प्रताड़ित भी किया. विगत विधान सभा चुनाव में भाजपा ने ही सर्वाधिक 25 टिकट अतिपिछड़ा वर्ग को दिया जिनमें से 12 विधायक जीत कर आये. जबकि, कांग्रेस ने एक भी अतिपिछड़ा को टिकट नहीं दिया.
मोदी ने कहा कि 2005 में जब भाजपा-जदयू की सरकार बनी तो अति पिछड़ों को पंचायत चुनाव में 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. इसके पहले कर्पूरी ठाकुर और कैलाशपति मिश्र की गैर कांग्रेसी सरकार ने ही अति पिछड़ों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया था. एनडीए की सरकार ने ही 2007-08 में अति पिछड़ों के विकास के लिए पहली बार 42.17 करोड़ का बजट प्रावधान कर स्वतंत्र विभाग बनाया. 2018-19 में 38 गुना वृद्धि के साथ 1620 करोड़ का बजटीय उपबंध किया गया है जिनमें से अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले छात्रों की प्री मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति पर 1338 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
बिहार की एनडीए सरकार बीपीएससी और यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 50 हजार और एक लाख रुपये की सहायता राशि देगी. वहीं, कल्याण छात्रावास में रहने वाले छात्रों को प्रति महीने 15 किलोग्राम अनाज और 1000 रुपये सहायता भत्ता दिया जा रहा है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पहली बार पिछड़ा वर्ग आयोग को अनुसूचित जनजाति आयोग की तर्ज पर संवैधानिक दर्जा दिया है और अब केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए कर्पूरी फॉर्मूले के समान पिछड़े वर्ग की सूची को श्रेणीबद्ध करने के लिए आयोग का गठन भी कर दिया है.