थानेदार ने SC-ST एक्ट में 90 दिनों तक बेकसूर को जेल में रखा, अदालत ने वेतन से दो लाख जुर्माना वसूलने की दी सजा

मधुबनी : एक बेकसूर व्यक्ति को एससी-एसटी एक्ट के झूठे केस में फंसाने के मामले में एससी-एसटी की विशेष अदालत ने रुद्रपुर थाना प्रभारी को दो लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने कहा है कि जुर्माने की राशि थाना प्रभारी के वेतन से काटी जाये. यह फैसला एससी-एसटी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2019 10:50 AM

मधुबनी : एक बेकसूर व्यक्ति को एससी-एसटी एक्ट के झूठे केस में फंसाने के मामले में एससी-एसटी की विशेष अदालत ने रुद्रपुर थाना प्रभारी को दो लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने कहा है कि जुर्माने की राशि थाना प्रभारी के वेतन से काटी जाये. यह फैसला एससी-एसटी की विशेष अदालत के जज एडीजे इशरतुल्लाह ने सुनाया है.

जानकारी के अनुसार, रुद्रपुर थाने के बटसर सिसौनी निवासी अशोक सिंह पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में उन्हें जेल भी हुई. थाने की पुलिस की लापरवाही के कारण 90 दिनों तक अशोक सिंह के जेल में बंद रहने के बावजूद पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं किया. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब अशोक सिंह के अधिवक्ता ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की. उसके बाद कार्यालय से रिपोर्ट मंगाये जाने पर पता चला कि महिला से दुर्व्यवहार मामले में अशोक सिंह निर्दोष है. हालांकि, यह फैसला एससी-एसटी के जज ने करीब 10-15 दिन पहले ही सुनायी थी.

Next Article

Exit mobile version