80 फीसदी ने चुनाव काम से बचने के लिए बीमारी का बनाया बहाना !
मधुबनी : अस्वस्थ बताकर चुनाव कार्य से विमुक्त करने की पदाधिकारियों व कर्मियों की बहाने बाजी अब नहीं चलेगी. इसके लिए डीएम द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच प्रतिवेदन के आधार पर चुनाव कार्य से विमुक्त करने का निर्णय लिया जायेगा . जिस क्रम में बुधवार को सदर अस्पताल के आई ओपीडी में मेडिकल बोर्ड […]
मधुबनी : अस्वस्थ बताकर चुनाव कार्य से विमुक्त करने की पदाधिकारियों व कर्मियों की बहाने बाजी अब नहीं चलेगी. इसके लिए डीएम द्वारा मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच प्रतिवेदन के आधार पर चुनाव कार्य से विमुक्त करने का निर्णय लिया जायेगा
. जिस क्रम में बुधवार को सदर अस्पताल के आई ओपीडी में मेडिकल बोर्ड द्वारा अस्वस्थ कर्मियों की जांच किया गया. मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच के बाद रिपोर्ट डीएम को सौंपा जायेगा. जिसके बाद कर्मियों को मुक्त करने व काम पर लगाये जाने का निर्णय होगा.
हालांकि, अस्पताल सूत्रों का कहना है कि बुधवार को जितने लोगों का स्वास्थ्य जांच किया गया है उसमें से 80 फीसदी से अधिक लोग इस काबिल हैं कि वे आराम से काम कर सकते हैं. कहने का मतलब यह कि बीमारी का बहाना बता कर चुनाव कार्य से मुक्त होने की योजना विफल.
ऐसे कर्मियों को अब हर हाल में काम पर जाना होगा. हालांकि इस मामले में रिपोर्ट को लेकर अभी खुलकर कोइ भी चिकित्सक कुछ भी आधिकारिक पुष्टि करने से इंकार किया. पर सूत्रों का कहना है कि मात्र 10 से 20 फीसदी तक ही ऐसे कर्मी हैं, जो सही में काम करने योग्य नहीं हैं.
पहले दिन 38 की हुई स्वास्थ्य जांच
दो दिवसीय मेडिकल बोर्ड में बुधवार को संवाद प्रेषण तक मेडिकल बोर्ड द्वारा 38 कर्मियों का स्वस्थता की जांच की गयी. जांच कार्य 11 बजे सुबह से 5 बजे शाम तक किया गया. बोर्ड द्वारा गुरुवार को भी स्वास्थ्य जांच की जायेगी. जिसके बाद जांच प्रतिवेदन सीएस के माध्यम से डीएम को सौंपा जायेगा
. विदित हो कि चुनाव कार्य से विमुक्त करने की पूर्व में कर्मियों द्वारा अस्वस्थता का हवाला देकर निजात पा लेते थे. लेकिन इस बार डीएम द्वारा मेडिकल बोर्ड में जांच के बाद निर्णय लेने से कई बहानेबाज कर्मियों की पोल खुलने की भी संभावना है. साथ ही उन्हें चुनाव कार्य में शामिल होना पड़ सकता है.
117 कर्मियों ने डीएम को दिया था आवेदन
अस्वस्थता को लेकर लोक सभा आम चुनाव 2019 में चुनाव कार्य से विमुक्त करने के लिए डीएम को 117 कर्मियों ने आवेदन दिया था. आवेदन के आलोक में डीएम द्वारा सीएस को अस्वस्थ कर्मियों की फिटनेस के लिए मेडिकल टीम का गठन कर जांच करने का निर्देश दिया गया. जिसके बाद सीएस द्वारा चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया. जिसमें हड्डी, चर्म व आंख के विशेषज्ञ चिकित्सक को शामिल किया. अधीक्षक सदर अस्पताल को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया. इसके अलावा बोर्ड में चर्म रोग के डा. एससी राय, हड्डी रोग के डा. राजीव रंजन, आंख के डा. राजीव रंजन को शामिल किया गया.