जनता खामोश, उम्मीदवार बहा रहे हैं पसीना, भाजपा के अशोक यादव और वीआइपी के बद्री कुमार पूर्वे हैं मैदान में

रमण कुमार मिश्र मधुबनी : मिथिलांचल की हाॅट सीट मधुबनी में चुनावी माहौल दिलचस्प मोड़ पर है. यहां दोनों गठबंधनों के उम्मीदवार नये हैं. भाजपा ने मौजूदा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को उम्मीदवार बनाया है. वहीं महागठबंधन में यह सीट वीआइपी को मिली है. वीआइपी ने बद्री पूर्वे को मैदान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 1, 2019 6:44 AM
रमण कुमार मिश्र
मधुबनी : मिथिलांचल की हाॅट सीट मधुबनी में चुनावी माहौल दिलचस्प मोड़ पर है. यहां दोनों गठबंधनों के उम्मीदवार नये हैं. भाजपा ने मौजूदा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को उम्मीदवार बनाया है. वहीं महागठबंधन में यह सीट वीआइपी को मिली है. वीआइपी ने बद्री पूर्वे को मैदान में उतारा है.
बद्री पूर्वे यहां की ताकतवर सूरी समाज से आते हैं. दूसरी ओर कांग्रेस के दिग्गज और यहां से सांसद रहे डाॅ शकील अहमद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे हैं. यहां राजद के मोहम्मद एए फातमी ने भी एक कोण बनाने की कोशिश की थी. पर, नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया है. मधुबनी लोकसभा के तहत दो विधानसभा क्षेत्र जाले और केवटी दरभंगा जिले में है. कुल मिलाकर मतदाताओं के बीच भी भ्रम की स्थिति है.
कई कांग्रेसी डॉ शकील के साथ
डॉ शकील अहमद निर्दलीय चुनावी मैदान हैं. इनके साथ कई कांग्रेसी हैं, जो महागठबंधन के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं. बेनीपट्टी की विधायक भावना झा खुलकर डॉ शकील के साथ चुनाव सभा कर रही हैं.
वामपंथ का गढ़ रही है मधुबनी
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र आमतौर पर वामपंथ व कांग्रेस का क्षेत्र माना जाता रहा है. यहां पर छह बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार जीत चुके हैं, तो छह बार कांग्रेस भी सीट अपने नाम कर चुकी है.
वर्ष 1999 मे भाजपा के हुक्मदेव नारायण यादव ने इस परंपरा को तोड़ने में सफलता हासिल की और सांसद चुने गये. 2004 में एक बार फिर यह सीट कांग्रेस की झोली में गयी. वर्ष 2009 और 2014 में जनता ने भाजपा को जिताया. लगातार दो बार हुक्मदेव नारायण यादव सांसद रहे. इस साल भाजपा ने उनके पुत्र को टिकट दिया है.
छह विधानसभा क्षेत्र
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं. हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधुबनी, केवटी और जाले. वर्तमान में राजद के तीन, भाजपा, कांग्रेस और रालोसपा के एक-एक विधायक हैं.
1998 से अब तक के प्रतिनिधि
वर्ष नाम पार्टी
1998 डॉ शकील अहमद कांग्रेस
2004 डॉ शकील अहमद कांग्रेस
2009 हुकुमदेव नारायण यादव भाजपा
2014 हुकुमदेव नारायण यादव भाजपा
असमंजस में वोटर
सुबह के करीब सात बज रहे हैं. रहिका प्रखंड क्षेत्र के जगतपुर पंचायत के दुर्गा चौक पर अन्य दिनों की तरह ही आसपास के करीब आधा दर्जन भर गांव के पचास से साठ लोग आ चुके हैं.
कुछ लोग दुर्गा मंदिर परिसर में बने चबूतरा पर बैठ गांव-घरों की बातें कर रहे हैं, कुछ रामाशीष साह की दुकान पर चाय की चुस्की ले रहे थे. लोग चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान के बारे में चर्चा कर रहे थे. टुन्नी मिश्रा टोल के लाल जी ने कहा – लोग ककरा देतै वोट से नै बुझाई छी.
की यौ विधायक जी (राजकुमार जी का उपनाम). विधायक जी भी इनके हां में हां मिलाते हुए कहते – जे प्रत्याशी बढियां छैक ओकर पार्टी नै, जे पार्टी में छैथ ओ नया चेहरा छी. बड़ असमंजस में अइ बेर लोग के. ककरा वोट दी ककरा नई से निर्णय नै क पाईब रहल छी. यह बातचीत करीब आधा घंटे चली, पर किसी ने यह नहीं कहा कि वह किस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने वाले हैं या हवा किस तरफ चल रही है.
इस साल मतदाता साइलेंट है. मधुबनी में ऐसा पहले कभी नहीं था. भारतीय मित्र पार्टी के धनेश्वर महतो भी जमकर क्षेत्र में पसीना बहा रहे हैं. लोगों को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. हर प्रत्याशी के पास जीत का अपना समीकरण और दावा है.

Next Article

Exit mobile version