हत्या मामले में चार को आजीवन कैद
मधुबनी : मधवापुर थाना क्षेत्र में करीब 2 वर्ष पूर्व हुई चर्चित भूने पासवान हत्याकांड मामले को लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम ओम सागर के न्यायालय में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी मधवापुर थाना क्षेत्र के सुजातपुर निवासी उमेश पासवान, विकाउ पासवान, […]
मधुबनी : मधवापुर थाना क्षेत्र में करीब 2 वर्ष पूर्व हुई चर्चित भूने पासवान हत्याकांड मामले को लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम ओम सागर के न्यायालय में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी मधवापुर थाना क्षेत्र के सुजातपुर निवासी उमेश पासवान, विकाउ पासवान, फेकु पासवान एवं सोगारथ पासवान को दफा 302 भा.द.वि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने प्रत्येक को पांच पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
अभियोजन ने की थी फांसी की मांग. उक्त मामले को लेकर सरकार की ओर से बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक मिश्री लाल यादव ने न्यायालय से कहा था कि उक्त आरोपियों ने एक मात्र दरी के लिए नृशंस हत्या कर डाली. इसके लिए इसे फांसी दी जाये. वहीं बचाव पक्ष से बहस करते हुए वरीय अधिवक्ता जय किशोर सिंह द्वारा कहा गया था कि परिवार का भार उक्त आरोपियों पर है. इसलिए कम से कम सजा दी जाए.
क्या है मामला. अभियोजन के अनुसार सात अप्रैल को पंचायत के दौरान रात्री 10 बजे सुजापुर में नाजायज मजमा बनाकर बांस के टुकड़ा से भूने पासवान को सिर पर मारा. जिससे वह जख्मी हो गया तथा तत्काल उसकी मौत हो गयी थी.
दरी चोरी को लेकर उठा था विवाद. गांव में एक दिव्यांग के निधन पर उसके भोज के लिए 7 अप्रैल 1993को पंचायत हो रही थी. इसी दौरान एक दरी नहीं मिल रहा था. जिससे उक्त आरोपियों ने मृतक भूने पासवान पर दरी चोरी करने का आरोप लगाया. इनकार करने पर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया.
इसी बीच आरोपियों ने बांस के टुकड़े से भूने पासवान को मारपीट करने लगे. जिससे भूने पासवान का सिर फट गया, जहां तत्काल उसकी मौत हो गयी. वहीं जब मृतक का पुत्र सूचक सुवेश पासवान व उनके परिजन बचाने आया था तो उसे भी मारपीट कर जख्मी कर दिया था. इस बावत मृतक के पुत्र सूचक सुवेश पासवान द्वारा मधवापुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.