बाबा नागार्जुन की मनी जयंती

रहिका/पंडौल : रहिका प्रखंड के सतलखा गांव में बाबा नागार्जुन की जयंती समारोहपूर्वक मनायी गई. समारोह की शुरुआत बाबा नागार्जुन की प्रतिमा पर वक्ताओं ने माल्यार्पण कर किया. अवसर पर संबोधित करते हुए बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक ने कहा कि बाबा नागार्जुन हिन्दी, मैथिली और बंगाला भाषा के रचनाकार थे. बाबा अंग्रेजी हुकूमत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2019 12:54 AM

रहिका/पंडौल : रहिका प्रखंड के सतलखा गांव में बाबा नागार्जुन की जयंती समारोहपूर्वक मनायी गई. समारोह की शुरुआत बाबा नागार्जुन की प्रतिमा पर वक्ताओं ने माल्यार्पण कर किया. अवसर पर संबोधित करते हुए बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक ने कहा कि बाबा नागार्जुन हिन्दी, मैथिली और बंगाला भाषा के रचनाकार थे.

बाबा अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए स्वामी सहजानंद के विचारों से प्रभावित होकर किसान आंदोलन में भाग लिया था. इस दौरान कई बार जेल भी गये. उन्होंने कहा कि आज के नवोदित रचनाकार को बाबा के कविताओं का मनन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि बाबा कुछ समय के लिये वामपंथी आंदोलन से भी जुड़े रहे. बाबा नागार्जुन प्रगतिशील विचार के होने के कारण साहित्यिक रचनाओ के साथ राजनीतिक आंदोलन में भी सक्रिय रहे. उनकी रचना में युगधारा और बलचनमा आज भी प्रासंगिक है. समाजसेवी जटाधर झा ने कहा कि बाबा मनुष्य के रूप में देवता थे.

उन्होंने अपने कविताओं के माध्यम से शोषित-पीड़ितों को जगाने का काम करते थे. उन्होंने कहा कि सरकार से बाबा नागार्जुन के जन्मदिन पर सरकारी कार्यक्रम आयोजित कर छुट्टी की घोषणा करने की मांग की. समारोह को नरेंद्र झा, पूरन मंडल, मो. नौशाद काशमी, ई. असजद, मिश्री लाल पासवान आदि ने भी संबोधित किया.

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