चिकित्सकों ने ओपीडी का किया बहिष्कार, बिना इलाज लौटे मरीज

सदर अस्पताल के एसएनसीयू व इमरजेंसी में मौजूद रहे चिकित्सक, अन्य दिनों की तरह ही हुआ इलाज मधुबनी : आइएमए व भासा के संयुक्त आह्वान पर सदर अस्पताल के ओपीडी का चिकित्सकों ने बहिष्कार किया. जिसके कारण अस्पताल में इलाज के लिये आने वाले मरीजों को बिना उपचार कराये वापस लौटना पड़ा. वहीं इमरजेंसी सेवा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2019 1:25 AM

सदर अस्पताल के एसएनसीयू व इमरजेंसी में मौजूद रहे चिकित्सक, अन्य दिनों की तरह ही हुआ इलाज

मधुबनी : आइएमए व भासा के संयुक्त आह्वान पर सदर अस्पताल के ओपीडी का चिकित्सकों ने बहिष्कार किया. जिसके कारण अस्पताल में इलाज के लिये आने वाले मरीजों को बिना उपचार कराये वापस लौटना पड़ा. वहीं इमरजेंसी सेवा में सामान्य दिनों की तरह चिकित्सकों द्वारा उपचार किया गया.
हालांकि सुबह में ओपीडी सेवा को बंद करने पर चिकित्सकों के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी रही. इंसेफलाईटिस को लेकर सीएस इन चिकित्सकों से ओपीडी को भी चालू रखने के लिये आग्रह कर रहे थे. लेकिन बाद में ओपीडी सेवा को बंद करने का निर्णय लिया गया. भासा के जिला सचिव डॉ आरके सिंह ने बताया कि बीते दिनों एनआरएस अस्पताल कोलकाता के चिकित्सकों के साथ हुई मारपीट के कारण भासा व आइएमए के आह्वान पर ओपीडी सेवा का बहिष्कार किया गया है.
ओपीडी में आने वाले मरीजों का उपचार इमरजेंसी में किया गया. बहिष्कार के बाद भी सभी चिकित्सक इमजेंसी में जुटे रहे. ओपीडी बंद रहने के बाद भी इमरजेंसी व एसएनसीयू व प्रसव कक्ष सेवा सामान्य दिनों की तरह चलता रहा. एसएनसीयू में 15 नवजात इलाजरत हैं. शिशु विशेषज्ञ डा़ प्रमोद कुमार ने बताया कि सोमवार को एसएनसीयू में लगभग आधा दर्जन नवजात का इलाज किया गया. जिसमें गंभीर नवजात को भर्ती किया गया. डा़ कुमार ने बताया कि एसएनसीयू में सभी प्रकार की आवश्यक दवा उपलब्ध है. ओपीडी बंद होने के कारण इमरजेंसी में लगभग दो दर्जन से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है. जिसमें कई मरीज ओपीडी के भी शामिल हैं.
मधेपुर.मधेपुर-इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर मधेपुर रेफरल सह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक सोमवार को हड़ताल पर रहे. इस दौरान अस्पताल का ओपीडी सेवा पूर्ण रूपेण बंद रही. हालांकि अस्पताल में आपातकालीन सेवा प्रभावित नहीं रही. इधर ओपीडी सेवा बंद रहने के कारण मरीजों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा़

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