कोसी व भूतही नदी के जलस्तर में कमी, समस्याएं बरकरार
प्रखंड में सांप के काटने की बढ़ी घटनाओं से सहमे हैं बाढ़ पीड़ित मधेपुर : कोसी, एवं भुतही बलान नदी के जलस्तर में कमी आने लगी है़ नदी के जलस्तर में कमी आने से कोसी दोनों तटबंध के बीच बसे आठ पंचायत की आबादी राहत महसूस कर रही है. लेकिन इन पंचायत के लोगों को […]
प्रखंड में सांप के काटने की बढ़ी घटनाओं से सहमे हैं बाढ़ पीड़ित
मधेपुर : कोसी, एवं भुतही बलान नदी के जलस्तर में कमी आने लगी है़ नदी के जलस्तर में कमी आने से कोसी दोनों तटबंध के बीच बसे आठ पंचायत की आबादी राहत महसूस कर रही है.
लेकिन इन पंचायत के लोगों को अभी भी बाढ़ की आशंका बनी हुई है़ नदी के जलस्तर में कमी आने से भले ही लोग राहत महसूस करने लगे हैं पर कोसी तटबंध के बीच गढ़गांव, बसीपट्टी, डारह, महपतिया, बकुआ, भरगामा, द्वालख एवं करहारा पंचायत के लोगों की समस्या अभी भी बरकरार है.
इन गांव के चारों ओर बाढ़ का पानी फैला हुआ है. बाढ़ प्रभावित गांव के कई परिवारों का घर रहने लायक नहीं है. बाढ़ का पानी घर आंगन से निकल जाने के बाद भी कई परिवारों का घर आंगन कीचड़मय बना हुआ है़ लोग आसपास के घरों में रहकर समय व्यतीत कर रहे हैं. वहीं हर वक्त बाढ़ की आशंका से लोग आशंकित रहते हैं कि कहीं बाढ़ का पानी घर आंगन में फिर से प्रवेश न कर जाय.
आवागमन शुद्ध पेयजल, पशुचारा, शौच आदि की समस्या अभी भी लोगों में बरकरार है़ इन पंचायत के लोगों के आवागमन का एकमात्र सहारा नाव ही रह गया है. नाव के अभाव के कारण लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ है़ बाढ़ प्रभावित गांव के कई परिवारों ने बताया कि नाव के अभाव में बाजार से राशन पानी लाना मुश्किल हो गया है.
बीमार, वृद्ध, गर्भवती महिलाओं को समय से अस्पताल पहुंचाना कठिन हो गया है. बाढ़ से विस्थापन का दंश झेल चुके कई परिवारों ने बताया कि बाढ़ के समय फूस के घरों में सांप कीड़े का बसेरा हो जाता है. जिसके कारण सांप के काटने की घटना की में वृद्धि हो गयी है. इधर बाढ़ की संभावना अभी खत्म नहीं हुई है. नदी के जलस्तर में वृद्वि होने के साथ ही हमलोगों की नींद हराम हो जाती है़ कटाव से नदी किनारे बसे गांव के लोग सशंकित है़ कमला नदी के जलस्तर में भी उतार चढ़ाव जारी है.
जबकि गेहुमा नदी के जलस्तर में धीरे धीरे कमी आ रही है़ गेहुमा नदी के बाढ़ का पानी अभी भी बांकी, वीरपुर, कमलपुर, बेहरा, परवलपुर, प्रसाद सहित अन्य गांव के बघारों में फैला हुआ है़ प्रखंड एवं अंचल प्रशासन बाढ़ पीड़ित परिवारों को राहत उपलब्ध कराने के लिए काम रही है.