अज्ञात शव को रखने की नहीं है व्यवस्था

मधुबनी : सदर अस्पताल स्थित प्रसव कक्ष में सुविधाओं का घोर अभाव है. जिसके कारण पोस्टमार्टम के लिए आने वाले शव का पोस्टमार्टम करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही अज्ञात शव को रखने की भी बेहतर व उचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण शव से दुर्गंध भी आने लगता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2019 4:06 AM

मधुबनी : सदर अस्पताल स्थित प्रसव कक्ष में सुविधाओं का घोर अभाव है. जिसके कारण पोस्टमार्टम के लिए आने वाले शव का पोस्टमार्टम करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही अज्ञात शव को रखने की भी बेहतर व उचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण शव से दुर्गंध भी आने लगता है. जिसके कारण पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक सहित इस रास्ते से आइओपीडी, डीआइओ कार्यालय, जिला दवा भंडार व डीआरटीबी सेंटर की ओर आने जाने वाले मरीजों व परिजनों को इस दुर्गंध से दो चार होना पड़ता है.

आवश्यक सामान का अभाव. सदर अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम कक्ष में कोई सुविधा नहीं है. जिसमें न तो एसी, पंखा, एगझस्ट फैन, बिजली और नहीं शव को धोने के लिए पानी की व्यवस्था है. पोस्टमार्टम कक्ष के चतुर्थ वर्गीय कर्मी गुड्डू कुमार मल्लिक ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा पोस्टमार्टम के लिए हाथ में लगाने वाला केमिकल, रूई व शव के शरीर में लगाने वाला पाउडर भी नहीं दिया जाता है. जिसके कारण चिकित्सक सहित कर्मी को काफी परेशानी होती है.

सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डा. एसके झा सहित पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि पोस्टमार्टम कक्ष में उपलब्ध रहने वाला सुविधा नहीं होने के कारण शव का पोस्टमार्टम करने में काफी परेशानी होती है. आलम यह है कि एसी की कौन कहें पंखा भी नहीं है. ऐसे में दुर्गंध एवं बिना विद्युत के ही पोस्टमार्टम करना पड़ता है. पोस्टमार्टम कक्ष की स्थिति किसी डार्क रूम से कम नहीं है. इस संबंध में कई बार अस्पताल प्रबंधन को जानकारी दी गयी, लेकिन अब तक इसमें किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है.

उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के लिए प्रतिदिन एक दो शव आता ही है. सबसे बड़ी समस्या अज्ञात शव को रखने की है. जिसके लिए भी आवश्यक सुविधाओं का घोर अभाव है. जिसके कारण 72 घंटे से पूर्व ही शव से दुर्गंध आने लगता है. पोस्टमार्टम कक्ष में एसी व पंखा नहीं रहने के कारण गर्मी के मौसम में अधिक परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि कक्ष में नल तो लगा हुआ है, लेकिन जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं के बराबर है. ऐसे में किसी तरह इन समस्याओं से जूझते हुए शव का पोस्टमार्टम करना पड़ता है.

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