योजना शहर की, लाभ ले गये ग्रामीण क्षेत्र के लोग

जांच में सामने आ रही बात, हैरत में वार्ड पार्षद मधुबनी : नगर परिषद क्षेत्र में शौचालय निर्माण में कथित अनियमितता बरती गयी है. शहर में सैकड़ों ऐसे लोगों के नाम सामने आ रहे हैं जो यहां के निवासी ही नहीं है. वे लोग विभिन्न प्रखंड के रहने वाले हैं लेकिन शौचालय का लाभ शहरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2019 2:45 AM

जांच में सामने आ रही बात, हैरत में वार्ड पार्षद

मधुबनी : नगर परिषद क्षेत्र में शौचालय निर्माण में कथित अनियमितता बरती गयी है. शहर में सैकड़ों ऐसे लोगों के नाम सामने आ रहे हैं जो यहां के निवासी ही नहीं है. वे लोग विभिन्न प्रखंड के रहने वाले हैं लेकिन शौचालय का लाभ शहरी क्षेत्र में मिला है. दो अक्तूबर को शहर को ओडीएफ घोषित किया जाना है. एक ओर विभाग के पास न तो शौचालय का साइट पर फोटो अपलोड है और न ही फाइल मिल रहा है. नप क्षेत्र में शौचालय के लिए आवंटित राशि व बनाये गये जियो टैगिंग में विभाग का पसीना छूट रहा है.
लाभुकों की सही जानकारी विभाग के पास है. हर कोई अपने हिसाब से डाटा दे रहा है. वार्ड में जांच के लिये पहुंचे अधिकारी ने जब सूची वार्ड पार्षद को सौंप रहे हैं तो लोग हैरत में रह जाते हैं. जो सूची उपलब्ध करायी जा रही है वो हैरतअंगेज करने वाला है. पार्षद भी सूची देखकर हैरत में हैं. दरअसल लाभुकों में सकरी, बेनीपट्टी, लौकही तक के लोग शामिल हैं. उनका पता भी शहर के बाहर का है.
10325 शौचालय बनाने का लक्ष्य : शहर में 10 हजार 3 सौ 25 शौचालय निर्माण का लक्ष्य दिया गया था जिसमें कार्य पूर्ण 10 हजार 277 दिखाया जा रहा है. प्रधान सहायक ने लाभुकों की जो सूची सौंपी है उसके अनुसार शहर में 3569 को प्रथम व 3436 को द्वितीय किस्त की राशि दी गयी है. यह रिपोर्ट कार्यालय सहायक की रिपोर्ट पर आधारित है.
वहीं नगर प्रबंधक नीरज कुमार झा के अनुसार पिछले वर्ष ओडीएफ में नये लाभुकों को मिलाकर शहर में 7990 शौचालय का निर्माण हुआ है. इनके अनुसार 8900 आवेदन आया था. जिसमें 87 सौ का वेरिफिकेशन हुआ. जबकि मधुबनी नगर परिषद को 10325 लक्ष्य दिया गया है. इधर एसबीएम पोर्टल पर केवल 1913 लाभुकों की सूची ऑन लाइन है. वहीं 8364 लाभुक इससे वंचित हैं.

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