अस्पताल में इलाजरत मरीजों को नहीं मिला पथ्य आहार

मधुबनी : सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवा व अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों को गुणवत्तापूर्ण आहार उपलब्ध कराने की कवायद कर रही हो, लेकिन सच्चाई इससे दूर है. प्रबंधन की लापरवाही के कारण सोमवार को सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों को पथ्य आहार नहीं दिया गया. जिसके कारण दोपहर 2 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2019 1:20 AM

मधुबनी : सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवा व अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों को गुणवत्तापूर्ण आहार उपलब्ध कराने की कवायद कर रही हो, लेकिन सच्चाई इससे दूर है. प्रबंधन की लापरवाही के कारण सोमवार को सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों को पथ्य आहार नहीं दिया गया. जिसके कारण दोपहर 2 बजे तक मरीज भूख से तड़पते रहे.

परिजनों ने बाजार से खाना खरीद कर मरीजों को खिलाया. भर्ती मरीजों में कई मरीज दूर दराज से इलाज के लिए आये हुए हैं. जिसके कारण वे घर से भी खाना नहीं ला सके. भर्ती मरीजों को सुबह, दोपहर, शाम व रात में नाश्ता एवं भोजन के लिए प्रति मरीज 74 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है.
नहीं मिलता गुणवत्ता पूर्ण पथ्य आहार. सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों के पथ्य आहार आपूर्ति की जिम्मेवारी ज्ञान भारती एजेंसी को है. जिसे प्रतिदिन प्रति मरीज 74 रुपये की दर से भुगतान किया जाता है. एजेंसी को मनमानी ऐसी है कि मेनू के अनुरूप मरीजों को पथ्य आहार की आपूर्ति नहीं किया जाता है. भर्ती मरीज प्रवीण कुमार, सरस्वती देवी, मो. आलम सहित अन्य मरीजों ने बताया कि एजेंसी द्वारा सुबह में दूध व ब्रेड दिया गया था. लेकिन दूध क्या मानो उजले रंग का पानी है.
वहीं दो सौ ग्राम ब्रेड की जगह पांच- छह ब्रेड ही मरीजों को दिया जाता है. जबकि दोपहर के पथ्य आहार में चावल, दाल और सब्जी. जिसमें हरी सब्जी का नामोनिशान नहीं होता है. इतना ही नहीं संविदा में गंभीर मरीजों को अधीक्षक व प्रबंधन के द्वारा तय पथ्य आहार मरीजों का देने का प्रावधान है. लेकिन मरीजों को कभी यह सुविधा नहीं मिल रही है. प्रत्येक मरीज को दाल, चावल, सब्जी दिन में व रात में रोटी सब्जी ही दी जाती है. फल व मिठाई भी मरीजों को नहीं दिया जाता है.
चयन के बाद भी नये एजेंसी का नहीं हुआ एकरारनामा. स्वास्थ्य प्रशासन व जिला प्रशासन सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण आहार के प्रति कितना सचेत है इसकी वानगी देखिये. फरवरी 2018 में जिला पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने अस्पताल के निरीक्षण क्रम में साफ सफाई व पथ्य आहार एजेंसी की लचर व्यवस्था को देखते हुए संविदा रद्द करते हुए नये टेंडर निकालने का आदेश दिया. आलम यह रहा कि संविदा निकालने में महीनों लग गया.
दिसंबर 2018 में संविदा निकाला गया. फिर चयन प्रक्रिया की पेंच में उलझ कर रह गया. महीनों बीतने के बाद सितंबर 19 में संविदा चयन पर अंतिम मुहर लगी. लेकिन नये चयनित एजेंसी द्वारा अब तक भारती द्वारा ही पथ्य आहार की आपूर्ति किया जा रहा है. ऐसे में गुणवत्तापूर्ण साफ सफाई पथ्य आहार की आपूर्ति मरीजों के लिए एक मजाक बन कर रह गया है. गुणवतापूर्ण कौन कहें मानक के अनुरूप भी पथ्य आहार मरीजों को नहीं मिल रहा है.
मांगा गया स्पष्टीकरण
इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक ए मजीद ने कहा है कि सोमवार को एजेंसी द्वारा पथ्य आहार मरीजों को नहीं दिया गया है. एजेंसी से इस संबंध में स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.

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