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64.43 करोड़ रुपये की सात योजनाओं का शिलान्यास, कोसी क्षेत्र के विकास का हर संभव काम करेंगे : नीतीश कुमार

मधेपुर(मधुबनी) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मधुबनी व दरभंगा के अधीन पश्चिम कोसी नहर परियोजना के तहत 64.43 करोड़ रुपये की लागत के सात कार्यों का शिलान्यास किया. उन्होंने मधेपुर के बरियरबा गांव स्थित जयदेव सल्हैता प्लस टू उच्च विद्यालय में आयोजित जनसभा में कहा कि कोसी क्षेत्र के विकास के लिए जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2019 4:01 AM

मधेपुर(मधुबनी) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मधुबनी व दरभंगा के अधीन पश्चिम कोसी नहर परियोजना के तहत 64.43 करोड़ रुपये की लागत के सात कार्यों का शिलान्यास किया. उन्होंने मधेपुर के बरियरबा गांव स्थित जयदेव सल्हैता प्लस टू उच्च विद्यालय में आयोजित जनसभा में कहा कि कोसी क्षेत्र के विकास के लिए जो भी संभव हो, करते रहेंगे.

कोसी नदी के रिंग बांध बनाने के तहत पश्चिमी कोसी तटबंध तथा कोसी नदी के बीच बसे लोगों को बाढ़ से सुरक्षा दिलाने पर काम हो रहा है. भविष्य में कमला तटबंध क्षतिग्रस्त न हो, इसके लिए दीर्घकालीन उपाय किये जा रहे हैं.
आइआइटी के विशेषज्ञ इस बारे में मार्च, 2020 तक रिपोर्ट सौंपेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कमला तटबंध लगातार टूट रहा है. इसको भी हमारी सरकार ने गंभीरता से लिया है.
हमने जल संसाधन विभाग को इसकी व्यापक तौर पर स्टडी करने के लिए आइआइटी रूड़की को इसकी जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश दिया है. मार्च, 2020 में जब आइआइटी रूड़की के विशेषज्ञ इसकी रिपोर्ट सौंप देंगे तो हम उस पर भी काम करेंगे. हर वह पहल की जायेगी जिससे बांध नहीं टूटे और बाढ़ के दौरान जान माल की क्षति कम हो.
इसी प्रकार जयनगर में कमला ब्रिज की रिडिजाइनिंग को लेकर भी विशेषज्ञों से रिपोर्ट मांगी जा रही है. यदि आवश्यकता होगी और विशेषज्ञों का सुझाव होगा तो कमला नदी पर बने पुल का रिमॉडलिंग भी की जायेगी.
जल्द शुरू करेंगे जल-जीवन- हरियाली यात्रा
मुख्यमंत्री ने पूरे सूबे में जल-जीवन- हरियाली यात्रा की शुरुआत की घोषणा करते हुए कहा कि जल व हरियाली के बगैर जीवन असंभव है. जल-जीवन-हरियाली योजना पर अगले तीन साल में 24 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाने का प्रस्ताव है.
योजना के तहत एक ओर जहां जल संरक्षित करने के लिए हर स्तर पर पहल की जा रही है, तो दूसरी ओर पौधारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है. सभी सार्वजनिक तालाबों, पइन, आहर को अतिक्रमणमुक्त कराया जायेगा और जल संचय के लिए सरकारी भवनों पर वर्षा जल संचय के लिए भवन के समीप सोख्ता बनाया जायेगा.

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