स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए 20.37 करोड़ रुपये की मिली स्वीकृति
जर्जर स्टेडियम के पुननिर्माण के लिए खेल विभाग द्वारा 20 करोड़ 37 लाख 28 हजार की तकनीकी प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है.
मधुबनी . जल्द ही मुख्यालय स्थित स्टेडियम नये लुक में खिलाड़ियों को उपलब्ध हो सकेगा. जिसमें खिलाड़ी खेल प्रतिभा को निखार सकते हैं. इसके लिये सरकारी स्तर पर पहल शुरु हो चका है. जर्जर स्टेडियम के पुननिर्माण के लिए खेल विभाग द्वारा 20 करोड़ 37 लाख 28 हजार की तकनीकी प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है. इस संबंध में बिहार के राज्यपाल के आदेश से सरकार के उप सचिव निरंजन कुमार ने महालेखाकार पटना को पत्र दिया है. विभाग द्वारा स्वीकृति मिलते ही जिला वासियों में उत्साह व्याप्त है. खासकर खिलाड़ियो में काफी खुशी देखी जा रही है. 1987 में हुआ था निर्माण मधुबनी स्टेडियम का निर्माण साल 1987 में किया गया था. उस समय इसके निर्माण पर करीब 35 लाख रुपये खर्च किये गये थे. पर बाद में विवाद में फंस जाने के कारण साल दर साल स्टेडियम जर्जर होता चला गया. सरकारी कार्यक्रम भी बंद कर दिया गया. वर्तमान समय में यह केवल ढांचा भर है. यहां पर लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो चुका है. लगातार उठता रहा मुद्दा स्टेडियम निर्माण या मरम्मति का मामला लगातार विभिन्न प्रतिनिधियों द्वारा उठाया जाता रहा. स्थानीय विधायक समीर महासेठ ने भी कई बार इस मामले को सदन में उठाया. सरकार द्वारा 20 करोड़ 37 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद अब इसके पुनर्निमाण का रास्ता साफ हो गया है. कोषागार से होगी राशि का निकासी इस राशि का व्यय वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना उदव्यय के अंतर्गत भवन निर्माण विभाग के मांग संख्या तीन के अधीन योजना बजट लोक निर्माण कार्यों पर पूंजीगत परिव्यय, भवन निर्माण, स्टेडियम एवं खेल संरचना विपत्र एवं मुख्य निर्माण कार्य में उपबंधित राशि से होगा. उक्त बजट के नियंत्री पदाधिकारी सचिव भवन निर्माण विभाग होंगे. राशि की निकासी भवन निर्माण विभाग के प्राधिकृत निकासी एवं पदाधिकारी द्वारा संबंधित कोषागार से किया जाएगा. भवन निर्माण विभाग द्वारा कार्य प्रतिवेदन यथा समय विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा. क्या कहते हैं विधायक विधायक सह पूर्व मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि मधुबनी शहर में स्थित पुराने स्टेडियम के खेल अवसंरचना के नवीनीकरण और निर्माण कार्य के लिए 20 करोड़ 37 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. यह स्वीकृति केवल कागज़ों पर नहीं, बल्कि मधुबनी के खेल प्रेमियों और युवाओं के लिए एक नई उम्मीद और अवसर लेकर आई है. विधायक ने कहा कि कई वर्षों से इस स्टेडियम की दुर्दशा पर सवाल उठाए जा रहे थे, और मुझसे भी इस पर कई बार सवाल पूछे गए. आलोचनाओं के बावजूद, मैंने इस परियोजना को लेकर लगातार प्रयास किए और आज यह स्वीकृति एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने आई है.
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