Madhubani News : दिल में छेद वाले चिह्नित 20 बच्चों को जांच के लिए भेजा गया आइजीआइसी

बाल हृदय योजना से दिल में छेद वाले चिन्हित 20 बच्चों को इलाज के लिए गुरुवार को एंबुलेंस से आइजीआइसी पटना भेजा गया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 13, 2025 10:44 PM

मधुबनी.

बाल हृदय योजना से दिल में छेद वाले चिन्हित 20 बच्चों को इलाज के लिए गुरुवार को एंबुलेंस से आइजीआइसी पटना भेजा गया. यहां अमदाबाद से आये विशेषज्ञ चिकित्सक सभी बच्चों की स्क्रीनिंग करेंगे. जिन बच्चों को ऑपरेशन की आवश्यकता होगी उनका निःशुल्क आपरेशन आअजीआइसी पटना व श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद एंबुलेंस हवाई जहाज से भेजकर कराया जायेगा. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत डॉक्टर, फर्मासिस्ट व एएनएम प्रत्येक कार्य दिवस को विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर 0-18 वर्ष के जन्मजात रोगों से ग्रसित बच्चों की जांच कर चिह्नित किये जाते हैं. इसके बाद चिह्नित बच्चों को उच्च स्वास्थ्य संस्थान आइजीआइसी पटना, एम्स पटना, आइजीएमएस पटना एवं श्री सत्य साईं अस्पताल अहमदाबाद में निःशुल्क चिकित्सा के लिए भेजा जाता है.

कई बच्चों को कराया जा चुका है सफल ऑपरेशन

जन्मजात हृदय रोगियों के लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना वरदान साबित हो रही है. इस योजना का लाभ दिल में छेद वाले बच्चों को मिल रही है. जिले में एक अप्रैल 2021 से लेकर 12 फरवरी 2025 तक 100 से अधिक दिल में छेद रोग से ग्रसित बाल हृदय रोगियों को चिह्नित कर ऑपरेशन किया गया है. सीएस ने कहा है कि जिले में कोई भी बच्चा अगर किसी भी प्रकार के जन्मजात रोग से ग्रसित हो तो उनके परिजन प्रखंड स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम से संपर्क कर निःशुल्क चिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं.

असक्षम लोगों की मदद के प्रति प्रतिबद्ध है सरकार

जिला समन्वयक डॉक्टर दीपक कुमार गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारणों से बच्चों का इलाज कराने में असक्षम लोगों को जरूरी मदद उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है. हमारा उद्देश्य बच्चों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराना है. ताकि वे जल्द स्वस्थ हो सकें व सामान्य जीवन जी सकें. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के चर्मरोग, दांत, आंख, श्वसन संबंधी विकार, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू सहित कई अन्य रोगों नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है. आम लोगों को इसके प्रति जागरूक होने व दूसरे को भी इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है. सरकार की ये पहल न सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग को ये एहसास दिलाता है उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है. सरकार का ये कदम उन परिवारों के लिये आशा की किरण है. जो अपने बच्चों के इलाज के लिये संघर्ष कर रहे हैं. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत हृदय रोग से ग्रसित ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है. जिले में अब तक सैकड़ो बच्चे योजना का लाभ उठाते हुए सामान्य जीवन जी रहे हैं.

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