मधुबनी. बिहार सरकार किसानों को फसल का कीमत देने के लिए गेहूं की खरीद करता है. लेकिन बाजार के दाम से सरकारी दर कम होने के कारण किसान पैक्स के हाथों गेहूं बेचने से कतरा रहे हैं. आलम यह है कि अभी तक गेहूं बेचने के लिए सिर्फ 42 किसानों ने ही सहकारी विभाग में निबंधन कराया है. जबकि गेहूं की खरीद के लिए सहकारिता विभाग ने 286 पैक्स व समिति को जिम्मेदारी दी है. जिला सहकारिता पदाधिकारी सुदर्शन कुमार ने कहा कि इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. जबकि बाजार में अभी गेहूं 2350 से 2400 रुपये क्विंटल की दर से बिक रहा है. किसानों से गेहूं खरीद करने के लिए विभाग ने जिले के सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे किसानों के पास जाकर किसानों को पैक्स के हाथों गेहूं बेचने के लिए प्रेरित करें. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा है कि अभी तक सिर्फ एक किसान 200 क्विंटल गेहूं बेचा है. जबकि जिले को इस बार 13 हजार एमटी गेहूं खरीद करने का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन जिस तरह से किसान निबंधन नहीं करा रहे हैं उससे लगता है कि किसान पैक्स के हाथों गेहूं बेचने में रूचि नहीं ले रहे. उन्होंने कहा है कि किसानों को पैक्स के हाथों गेहूं बेचने से बहुत लाभ होता है.
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दो महीने में 200 क्विंटल गेंहू की हुई है खरीद
बिहार सरकार किसानों को फसल का कीमत देने के लिए गेहूं की खरीद करता है
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