फ्रेंचाइजी की हड़ताल से राजस्व को क्षति

मधुबनी : नार्थ बिहार पावर कंपनी जिले में विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लगातार मशक्कत कर रही है. पिछले दिन कंपनी के सचिव बालामुरूगन डी, सीएमडी प्रत्यय अमृत ने विभाग के सभी अभियंता के साथ बैठक कर जिले में विद्युत व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए कई निर्देश दिये थे. इसके बावजूद आये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2014 10:59 AM
मधुबनी : नार्थ बिहार पावर कंपनी जिले में विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए लगातार मशक्कत कर रही है. पिछले दिन कंपनी के सचिव बालामुरूगन डी, सीएमडी प्रत्यय अमृत ने विभाग के सभी अभियंता के साथ बैठक कर जिले में विद्युत व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए कई निर्देश दिये थे.
इसके बावजूद आये दिन विद्युत को लेकर उपभोक्ता संघर्ष कर रहे हैं. वहीं, कंपनी के लिए ग्रामीण क्षेत्र में मीटर रीडिंग का कार्य करने वाली फ्रेंचाइजी के काम बंद कर देने से विभाग व उपभोक्ताओं की परेशानी और बढ़ गयी है.
हड़ताल से मचा कोहराम
कंपनी के प्रबंध निदेशक ने सभी रूरल फ्रेंचाइजी को स्पॉट बिलिंग को लेकर निर्देश दिया. इसके अनुसार ग्रामीण फ्रेंचाइजी को अपने पैसे से मोबाइल एवं प्रिंटर खरीदकर स्पॉट बिलिंग का काम करना था. फ्रेंचाइजी संचालक ने अपने एरिया का सर्वे कर इसकी रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन विभाग ने इसी बीच कमीशन में कटौती कर दी. इससे खिन्न होकर ग्रामीण फ्रेंचाइजी ने काम करना बंद कर दिया. ग्रामीण फ्रेंचाइजी के हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मीटर रीडिंग का काम अवरुद्ध है. इस कारण जहां इस माह विभाग को राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने में काफी परेशानी हो रही है. वहीं, उपभोक्ताओं को ससमय बिजली बिल नहीं मिल पा रहा है.
नहीं बदले गये तार
नार्थ बिहार पावर कंपनी के सीएमडी अमृत प्रत्यय ने पिछले दिन हुए बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया था कि सभी पुराने तार को बदल कर नया तार लगाया जायेगा, ताकि तार गिरने से होने वाली दुर्घटना पर रोक लग सके. अभी तक तार बदली को लेकर विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है. इस कारण आये दिन दुर्घटना होती रहती है. पिछले दिन कलुआही में इसी को लेकर ग्रामीणों ने उच्च पथ 104 को दिन भर जाम किया था.
क्या है लक्ष्य
पावर कंपनी की ओर से जितनी विद्युत आपूर्ति जिला को दी जाती है. उसके एवज में कंपनी को नौ करोड़ 55 लाख रुपये प्रत्येक माह जिला से चाहिए. इसमें छह करोड़ 25 लाख मधुबनी डिवीजन को देना है. जबकि दो करोड़ 70 लाख झंझारपुर डिवीजन को देना है. पिछले दो माह से चर करोड़ दो लाख मधुबनी व एक करोड़ 62 लाख झंझारपुर ने वसूली किया गया. जो लक्ष्य से काफी कम है.
क्या कहते हैं अधिकारी
राजस्व पदाधिकारी सिद्धार्थ बर्धन ने बताया कि रूरल फ्रेंचाइजी को जो कमीशन दिया जाता है. वह सही है. रूरल फ्रेंचाइजी अगर काम नहीं करेगी तो विभाग की ओर से दूसरा विकल्प खोजा जायेगा. वैसे इन लोगों की मांग को लेकर विभाग को लिखा गया है. इससे राजस्व लक्ष्य पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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