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बाल हृदय योजना से 3 बच्चों को भेजा गया अहमदाबाद

दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रियता से काम कर रहा है. वित्तीय वर्ष 2023- 24 में जिले में आरबीएसके द्वारा 104 बच्चों को चिन्हित किया गया.

मधुबनी. दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रियता से काम कर रहा है. वित्तीय वर्ष 2023- 24 में जिले में आरबीएसके द्वारा 104 बच्चों को चिन्हित किया गया. इसमें से कई बच्चों का आईजीआईसी पटना में प्राथमिक उपचार किया गया. वहीं दिल में छेद से ग्रसित 32 गंभीर बच्चों का सफल ऑपरेशन कराया गया. यह निरंतर जारी है. इसी कड़ी में बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा ह्रदय रोग से ग्रसित 3 बच्चों को आवश्यक जांच, इलाज एवं ऑपरेशन के लिए श्री सत्य साईं हृदय अस्पताल अहमदाबाद भेजा गया. विदित हो कि ह्रदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों का निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराने के लिए बाल हृदय योजना की शुरुआत की गई है. सभी चिह्नित बच्चों के साथ परिजनों को 102 एंबुलेंस से भेजने व वापस ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. बच्चों के साथ बच्चों के अभिभावक को भी भेजा गया है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित बाल ह्रदय योजना से इन बच्चों का नि:शुल्क इलाज होता है. बच्चों का पटना स्थित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा आयोजित विशेष शिविर के दौरान चिकित्सक रोग की गंभीरता की जांच करते हैं. आवश्यकता पड़ने पर उनके ऑपरेशन की व्यवस्था अहमदाबाद में की जा जाती है. इस योजना के तहत बच्चों के इलाज व परिजन के आने-जाने का खर्च सरकार वहन करती है.

जिले के 3 बच्चों को भेजा गया अहमदाबाद

बाल हृदय योजना के तहत पंडौल प्रखंड निवासी एनायतुल्लाह की बच्ची सादिया सदाफ, अंधराठाढ़ी निवासी संतोष कुमार मंडल की पुत्री वैष्णवी कुमारी एवं रहिका प्रखंड निवासी संजीत कुमार यादव का पुत्र पीयूष कुमार को दिल में छेद के सफल ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद भेजा गया है.

जरूरतमंद ह्रदय योजना का उठायें लाभ

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. दीपक कुमार गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न रोग से ग्रसित 0 से 18 साल के बच्चों के लिये निःशुल्क इलाज की व्यवस्था है. इसमें बाल हृदय योजना भी शामिल है. इस योजना के तहत हृदय में छेद सहित विभिन्न तरह के हृदय रोग से ग्रसित बच्चों के नि:शुल्क इलाज का इंतजाम है. रोगग्रस्त बच्चों का पहले विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जरूरी जांच की जाती है. इसके बाद आवश्यकतानुसार उन्हें बेहतर इलाज के लिए उच्च चिकित्सा संस्थान भेजा जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में होने वाला व्यय सरकार वहन करती है. आमलोगों को सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाना चाहिये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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