प्लस टू के शिक्षकों को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

मधुबनी : जिले के हाइस्कूल और प्लस टू स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा. पुरस्कार के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम की अनुशंसा कर इसकी सूची 28 फरवरी तक भारत सरकार को भेजी जायेगी. इसके बाद भेजी गयी अनुशंसा स्वीकार नहीं की जायेगी. प्रपत्र में भेजी जायेगी अनुशंसा जिले के हाइस्कूल के दो और प्लस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2015 7:55 AM
मधुबनी : जिले के हाइस्कूल और प्लस टू स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा. पुरस्कार के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम की अनुशंसा कर इसकी सूची 28 फरवरी तक भारत सरकार को भेजी जायेगी. इसके बाद भेजी गयी अनुशंसा स्वीकार नहीं की जायेगी.
प्रपत्र में भेजी जायेगी अनुशंसा
जिले के हाइस्कूल के दो और प्लस टू स्कूल के दो शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के नामों की अनुशंसा की जायेगी. अनुशंसा हर हाल में प्रपत्र में होगी. प्रपत्र में कोई भी कॉलम खाली नहीं रहना चाहिए अन्यथा इसे अधूरा मानकर अस्वीकृत कर दिया जायेगा. निर्धारित प्रपत्र में जो सूचनाएं अंकित हो उसके समर्थन में आवश्यक प्रमाण पत्र भी संलग्न करना होगा. निर्धारित संख्या से अधिक अनुशंसा प्राप्त होने पर संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. प्रधान सचिव शिक्षा विभाग बिहार सरकार आरके महाजन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.
दागी शिक्षक का नहीं भेजा जायेगा नाम
वैसे शिक्षक-शिक्षिकाएं के नाम की ही अनुशंसा की जायेगी, जिनका सेवा अभिलेख स्वच्छ हो व दोष रहित हो. साथ ही वह सभी प्रकार के विवाद से रहित हो. वैसे शिक्षक-शिक्षिकाओं का नाम नहीं भेजा जायेगा, जिनके विरुद्ध कोई आरोप या विभागीय जांच लंबित हो. साथ ही शिक्षक पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई हो.
इस आशय का प्रमाण पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) को अपने हस्ताक्षर के साथ देना होगा. इसे स्वच्छता प्रमाण पत्र के नाम से जाना जायेगा. डीइओ को प्रमाण पत्र देना होगा कि अनुशंसित शिक्षक-शिक्षिकाएं पूरी तरह स्वच्छ व दोष रहित है. प्रपत्र में शिक्षक-शिक्षिकाओं का कुल शिक्षण सेवाकाल का भी वर्णन होगा.
बनेगी अनुशंसा समिति
नाम अनुशंसित करने के लिए समिति का गठन होगा. इसमें डायट के प्राचार्य और डीपीओ स्थापना भी सदस्य होंगे. समिति का काम होगा कि सिर्फ योग्य शिक्षक-शिक्षिकाओं के नामों की ही अनुशंसा हो. समिति की बैठक में आरडीडी शिक्षा भी भाग लेंगे और शिक्षक-शिक्षिकाओं की अनुशंसा उनके परामर्श से की जायेगी. अनुशंसा का पैनल समिति तैयार करेगी.
पांच साल का देना होगा विवरण
हाइस्कूल या प्लस टू स्कूल में पिछले पांच साल में प्रतिवर्ष कितने छात्र-छात्र परीक्षा में शामिल हुए, प्रथम श्रेणी में उत्तीर्णता का प्रतिशत क्या था, कितने प्रतिशत छात्र-छात्र उत्तीर्ण हुए का विवरण देना होगा. बोर्ड परीक्षा में वन टू टेन में नाम था कि नहीं, आदि सूचनाएं अंकित की जायेगी.
भेजी जायेगी साइटेशन
अनुशंसित शिक्षकों के संबंध में 150 शब्दों में उनकी उपलब्धियों की टिप्पणी (साइटेशन) भेजी जायेगी, ताकि संबंधित शिक्षक का मूल्यांकन किया जा सके.
क्या कहते हैं अधिकारी
डायट के प्राचार्य विश्वनाथ पासवान ने बताया कि जिला चयन समिति 28 फरवरी तक अनुशंसा निदेशक माध्यमिक शिक्षा पटना को भेजेंगे. शिक्षक या शिक्षिका की ओर से सीधे भेजे गये आवेदन पर विचार नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति व जनजाति शिक्षक-शिक्षिकाओं के योग्य रहने पर उनकी अनुशंसा करने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक व महिलाओं के शिक्षक-शिक्षिकाओं के योग्य रहने पर उन पर भी ध्यान दिया जायेगा. प्राचार्य ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय भारत सरकार के निर्देश के अनुरूप ही नामों की अनुशंसा होगी.

Next Article

Exit mobile version