जिलाधिकारी व डीएसओ भी करेंगे जनवितरण प्रणाली की दुकानों की जांच
मधुबनी : खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजना में पारदर्शिता लाने के लिए निगरानी कड़ी की जायेगी. सही लोगों को सही वजन और सही दर पर चावल और गेहूं मिले, इसके लिए जनवितरण प्रणाली के दुकानों के निरीक्षण के लिए अभियान शुरू किया जायेगा. बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव हुकुम सिंह मीना […]
मधुबनी : खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजना में पारदर्शिता लाने के लिए निगरानी कड़ी की जायेगी. सही लोगों को सही वजन और सही दर पर चावल और गेहूं मिले, इसके लिए जनवितरण प्रणाली के दुकानों के निरीक्षण के लिए अभियान शुरू किया जायेगा. बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव हुकुम सिंह मीना ने जिला पदाधिकारी को इस संबंध में निर्देश जारी किया है.
क्यों पड़ी इस निरीक्षण की जरूरत
जब से खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत परिवारों को नया राशन कार्ड मिला है, तब से जिले में हंगामे का अनवरत सिलसिला जारी है. एसडीओ कार्यालय पर भी प्रदर्शन जारी है. अगर प्रदर्शनकारियों की बातों को सुनें तो उनका यह कहना है कि राशन कार्ड वितरण में जमकर धांधली हुई है. इनके पास दो मंजिला मकान है, कई एकड़ जमीन है, बैंक बैलेंस है उन्हें राशन कार्ड दिया गया है.
जबकि गरीबों को राशन कार्ड से वंचित कर दिया गया है. प्रदर्शनकारी वैसे लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जिन्होंने प्रशासन की आंख में धूल झोंककर गलत व अवैध तरीके से राशन कार्ड प्राप्त कर महज दो रुपये गेहूं और तीन रुपये चावल प्रति व्यक्ति प्राप्त कर रहे हैं. हालांकि प्रशासन इन आरोपों को खारिज कर रही है, लेकिन मानवाधिकार कार्यकर्ता इस बात पर अड़े हैं कि राशन कार्ड वितरण की निगरानी विभाग से जांच करायी जाये. मानवाधिकारी कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर निष्पक्ष, स्वतंत्र व पारदर्शी तरीके से सीबीआइ या अवकाश प्राप्त न्यायाधीश से मामले की जांच करायी जाये, तो बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्ड धारी सलाखों के पीछे होंगे.
कई पदाधिकारी करेंगे निरीक्षण
सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी दस प्रतिशत दुकानों व सहायक अनुभाजन पदाधिकारी को 20 प्रतिशत दुकानों का निरीक्षण महीने में एक बार करेंगे. एसडीओ को अनुमंडल में स्थित दुकानों में पांच प्रतिशत दुकानों का निरीक्षण महीने में एक बार करना होगा. आपूर्ति निरीक्षक को अपने कार्यक्षेत्र के प्रत्येक उचित मूल्य की दुकानों में साप्ताहिक निरीक्षण हर हाल में करना है.
निरीक्षण का ब्योरा निरीक्षण पुस्तिका में अंकित कर स्टॉक बही पर हस्ताक्षर करना आवश्यक होगा. निरीक्षण के दो दिनों के अंदर प्रतिवेदन देना होगा. प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी व पणन आपूर्ति पदाधिकारी या आपूर्ति कार्य के प्रभारी पदाधिकारी को अपने शहरी कार्यक्षेत्र में सभी उचित मूल्य दुकान का महीने में एक बार निरीक्षण अवश्य कर लेना है.
ग्रामीण क्षेत्र के 25 प्रतिशत दुकानों का टेस्ट चेक होगा महीना में एक बार. अंचलाधिकारी जो प्रखंड स्तर पर आपूर्ति कार्य के प्रभार में हैं को क्षेत्र के 20 प्रतिशत दुकानों का निरीक्षण माह में एक बार हर हाल में करना है. निरीक्षण के तीन दिनों के अंदर प्रतिवेदन भी देना होगा.
वेबसाइट पर डाले जायेंगे प्रतिवेदन
निरीक्षण प्रतिवेदन को मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम के तहत निरीक्षण प्रतिवेदनों को अपलोड करना होगा. प्रतिवेदनों को विभाग के वेबसाइट के पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा. 50 प्रतिशत निरीक्षण बिना किसी पूर्व सूचना के किया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह का कहना है कि सरकार के सचिव के निर्देश से जिला आपूर्ति पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारियों, सहायक जिला आपूर्ति अधिकारियों, आपूर्ति निरीक्षक, प्रखंड आपूर्ति अधिकारी व पणन अधिकारी को अवगत करा दिया गया है. डीएम ने सचिव के निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने को लिखा है.