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Madhubani News. जिले में उच्च न्यायालय से संबंधित 340 मामले हैं लंबित

उच्च न्यायालय से संबंधित 340 मामले लंबित है. इनमें से सीडब्ल्यूजेसी के 313 मामले, एमजेसी के 20 मामले एवं एलपीए के 7 मामले लंबित है.

Madhubani News. मधुबनी. जिले में उच्च न्यायालय से संबंधित 340 मामले लंबित है. इनमें से सीडब्ल्यूजेसी के 313 मामले, एमजेसी के 20 मामले एवं एलपीए के 7 मामले लंबित है. उच्च न्यायालय से संबंधित लंबित मामलों की समीक्षा के निष्पादन के संबंध में डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया कि लंबित मामले की सूची की एक बार समीक्षा कर विशेष अभियान चलाकर एमजेसी के मामले में एक सप्ताह में कारण पृच्छा एवं सीडब्लूजेसी के मामले में अधिकतम 15 दिनों के अंदर प्रति शपथ पत्र दायर कर जिला विधि शाखा को सूचित करें. एमजेसी के लंबित सात मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के तीन मामले, डीपीओ स्थापना के एक-एक मामले, कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल टू बेनीपट्टी, सिविल सर्जन कार्यालय, अंचल अधिकारी बेनीपट्टी, अंचल अधिकारी रहिका, अंचल अधिकारी मधवापुर, अनुमंडलीय कोसी नहर परियोजना पदाधिकारी झंझारपुर एवं जिला सामान्य शाखा मधुबनी तथा दो मामले लंबित हैं. इसी तरह सीडब्ल्यूजेसी के 149 मामले जिला स्तर पर, 107 मामले अंचल स्तर पर, 44 मामले प्रखंड स्तर पर व 13 मामले अनुमंडल स्तर पर लंबित है. जिला स्तर पर सीडब्ल्यूजेसी के 17 मामले जिला भू अर्जन पदाधिकारी कार्यालय के 16 मामले, डीपीओ स्थापना (शिक्षा) के 13 मामले, जिला शिक्षा पदाधिकारी के तीन मामले, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता चार मामले, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, नगर आयुक्त नगर निगम, सिविल सर्जन कार्यालय, तीन-तीन मामले लंबित है. इसके अतिरिक्त जिले के कई कार्यालय में भी सीडब्लूजेसी के एक-एक मामले लंबित है. डीएम के बार-बार निर्देश देने के बावजूद भी संबंधित पदाधिकारी द्वारा लंबित वादों के निष्पादन में कोई अभिरुचि नहीं दिखाई जा रही है. यह उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना को दर्शाता है. डीएम ने निर्देश दिया कि अंचल स्तर पर लंबित वादों का अनुसरण प्रभारी पदाधिकारी राजस्व शाखा, प्रखंड स्तर पर लंबित वादों का अनुसरण जिला पंचायत राज पदाधिकारी जिला विकास शाखा एवं अनुमंडल तथा जिला स्तर पर लंबित वादों का अनुश्रवण प्रभारी पदाधिकारी जिला विधि शाखा करेंगे. साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि शीघ्र सभी लंबित वादों को एसओएफ तैयार हो जाए. ताकि संबंधित पदाधिकारी से अनुमोदित कराकर उच्च न्यायालय में प्रति शपथ पत्र दायर करने की कार्रवाई हो सके. डीएम ने स्पष्ट कहा कि यदि निर्धारित समय पर प्रति शपथ पत्र दाखिल नहीं होने के कारण डीएम को व्यक्तिगत रूप से उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने की नौबत आती है तो संबंधित प्रधान लिपिक, प्रभारी पदाधिकारी के विरुद्ध प्रपत्र क में आरोप पत्र गठित कर बिना किसी स्पष्टीकरण के विभागीय कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाएगी. उन्होंने प्रभारी पदाधिकारी जिला विधि शाखा को निर्देश दिया कि सभी प्रभारी पदाधिकारी कार्यालय प्रधान से एक पखवाड़े के अंदर इस आशा का प्रमाण पत्र प्राप्त करें कि पिछले 5 वर्ष में न्यायालय से संबंधित कोई भी मामला निष्पादन के लिए लंबित नहीं है.

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