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राजनीति व पूनम के गीतों पर झूमे लोग
मधुबनी : मिथिला महोत्सव के दूसरे दिन की सांस्कृतिक सांझ में देश के एक से एक नामचीन कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर शाम को यादगार बना दिया. गीत संगीत के क्षेत्र में खुद को स्थापित कर चुके इन कलाकारों की सुनने की हसरतें का ही नतीजा रहा कि आखिरी क्षणों तक लोग […]
मधुबनी : मिथिला महोत्सव के दूसरे दिन की सांस्कृतिक सांझ में देश के एक से एक नामचीन कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर शाम को यादगार बना दिया. गीत संगीत के क्षेत्र में खुद को स्थापित कर चुके इन कलाकारों की सुनने की हसरतें का ही नतीजा रहा कि आखिरी क्षणों तक लोग जमे रहे. मिथिला महोत्सव के माध्यम से उन्हें कई सुप्रसिद्ध कलाकारों को देखने व सुनने का मौका मिला.
कलाकारों के सुरीली आवाजों ने ऐसा समा बांधा कि लोग अपने आपको ठुमके लगाने से भी रोक नहीं सके. महुआ भोजपुरी चैनल के म्यूजिक हेड संगीतकार भोला वर्मा की टीम के साथ प्रसिद्ध ध्रुपद गायक पं. हरिनाथ झा ने हे गे बुधनी माय एगो बीड़ी दिहैं गे.. जुल्फी वाली कनिया कमाल करै छी ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.
वहीं भाव नृत्य के गुरु कहे जाने वाले पं. सुदामा गोस्वामी ने गोसाउनिक गीत जय- जय भैरवि.. आजु नाथ एक व्रत महास्दुख लागत हे व राष्ट्रीय गीत पर भाव नृत्य कर लोगों की खूब तालियां बटोरी. वहीं सुप्रसिद्ध भोजपुरी लोकगीत गायक सत्येंद्र कुमार संगीत ने जग में जहां पहिने उगे किरणियां, उगे सुरुज भगमवान रे उहे देसवा में घर मोरा बाटे सहित एक से एक गीतों की प्रस्तुति कर लोगों का दिल जीत लिया.
सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायिका पूनम मिश्र, गायक राजनीति रंजन, दिनेश कुमार पासवान, राधा गोविंद मिश्र व राजन कुमार मिश्र की युगल जोड़ी, अमरेंद्र श्रीवास्तव, श्रुति ने की अपने गायिकी से मिथिला लोक संस्कृति का दिग्दर्शन कराया. कार्यक्रम में उद्घोषक राम सेवक ठाकुर ने बीच-बीच में अपने हास्य व्यंग से लोगों को खूब गुदगुदाया.
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