खरना के साथ शुरू हुआ चैती छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास
मिथिला व विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार 14 अप्रैल की शाम छठ व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ अर्पण करेंगी. फिर 15 अप्रैल की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ अर्पण करने के साथ चैती छठ का समापन हो जाएगा.
मधुबनी. जिला मुख्यालय सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को चैती छठ अनुष्ठान को लेकर खरना की रस्म पूरी की. सुबह होते ही छठ व्रती महिलाएं घर-आंगन की सफाई करने के बाद जुट गयी खरना की तैयारी में. इसी के साथ शुरू हो गया चैती छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास. पं. कांतिधर झा ने कहा है कि मिथिला व विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार 14 अप्रैल की शाम छठ व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ अर्पण करेंगी. फिर 15 अप्रैल की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ अर्पण करने के साथ चैती छठ का समापन हो जाएगा. उन्होंने कहा है कि निष्ठापूर्वक भगवान भास्कर को अर्घ अर्पित करने से मानव जीवन की सभी बाधा व संकट अपने-आप दूर हो जाती है. वहीं उनकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है. की गयी है छठ घाटों की सफाई चैती छठ को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के छठ घाटों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की गयी है. कहीं सरकारी स्तर से कहीं निजी स्तर से छठ घाटों की सफाई कर उसे आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है. शहर के गंगासागर तालाब स्थित छठ घाट की सफाई कर उसे आकर्षक तरीके से सजाने का काम तेजी से किया जा रहा है. छठ घाट जाने वाली पहुंच पथ को भी दुरुस्त किया गया है. ताकि भगवान भास्कर को अर्घ अर्पण करने यहां आने वाली छठ व्रतियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो. दिनभर पर्व संबंधी सामानों की खरीदारी करते रहे लोग चैती छठ महापर्व को लेकर लोग शनिवार को दिनभर पर्व संबंधी सामानों की खरीदारी करते दिखे. बाजारों में मिट्टी व बांस से बने वर्तनों की डिमांड अधिक दिखी. वहीं भगवान भास्कर को अर्पित करने के लिए लोग सेव, नारंगी, नारियल व केला की की खरीदारी करते दिखे. फल एवं मिट्टी व बांस के वर्तनों के साथ गुर का बाजार भी काफी गर्म रहा. कारण छठ पर्व में गुर से बने पकवान ही भगवान भास्कर को अर्पित करने की परंपरा रही है. जिसके कारण बाजारों में काफी गहमागहमी रही है.