लाखों का सरकारी सामान हुआ खराब
मधुबनी : एक ओर सरकार और जिला प्रशासन विकास कार्य के लिए नयी-नयी योजना संचालित कर उसके क्रियान्वयन का प्रयास कर रही है. वहीं जिले के कई ऐसे सरकारी विभाग हैं, जहां करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो रही है. न तो इस संपत्तियों का उपयोग हो रहा है और न ही इसकी नीलामी कर राजस्व […]
मधुबनी : एक ओर सरकार और जिला प्रशासन विकास कार्य के लिए नयी-नयी योजना संचालित कर उसके क्रियान्वयन का प्रयास कर रही है. वहीं जिले के कई ऐसे सरकारी विभाग हैं, जहां करोड़ों की संपत्ति नष्ट हो रही है. न तो इस संपत्तियों का उपयोग हो रहा है और न ही इसकी नीलामी कर राजस्व की वसूली ही हो रही है. लघु सिंचाई विभाग, पथ निर्माण विभाग, थाना पुलिस, अग्निशमन, बिजली विभाग सहित कई ऐसे कार्यालय हैं जहां करोड़ों के लोहे का सामान व लकड़ी का सामान जंग व पानी के कारण बरबाद हो रहा है.
* क्या कहते हैं अधिकारी
लघु सिंचाई विभाग के कार्य पालक अभियंता अनिरुद्ध प्रसाद ने बताया है कि कई बार विभाग को पत्र लिखा गया, लेकिन अब तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ. वहीं, पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र यादव ने बताया है कि नीलामी की प्रक्रिया जटिल है. इस कारण नीलामी नहीं हो रही. वैसे कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत कराते हुए दिशा-निर्देश मांगा गया है.
* दृश्य एक
सदर मुख्यालय के एलआइसी परिसर में नलकूप विभाग का कार्यालय है. इस परिसर में करोड़ों का लोहे का पाइप, जीप, एक बस (अपनी दुकान) वर्षों से पड़ी हुई है. इन सामान की स्थिति आज यह है कि शायद ही कबाड़ी वाला इसे खरीदे. विभाग के अनुसार वर्ष 1995 तक नलकूप विभाग द्वारा लोहे के पाइप वाला बोरिंग लगाया जाता था. इस योजना के तहत जिले में बोरिंग लगाने के लिए लाखों का पाइप मंगाया गया.
समय बदला, सरकार बदली, तो योजना भी बदल गयी. लोहे की पाइप की जगह प्लास्टिक के पाइप का उपयोग होने लगा, लेकिन विभाग की ओर से मंगाये गये लाखों के लोहे का पाइप न तो बोरिंग लगाने का काम आया और न ही इस पाइप का वापस भेजा गया या नीलामी ही की गयी. रख रखाव के अभाव के कारण आज लाखों का यह पाइप बरबाद हो चुका है. इसी परिसर में अपनी दुकान वाला एक बस विभाग के पदाधिकारी के काम के लिए लाया गया. जीप भी सड़ चुका है.
* दृश्य दो
पीडब्ल्यूडी परिसदन के बगल में पथ निर्माण विभाग का भंडार गृह है. कहने को भंडार गृह, पर खुले आसमान के नीचे सामान बेतरतीब से फेंका हुआ है. वर्षों पुराना बड़े-बड़े लकड़ी के टुकड़े खुले आसमान के नीचे पड़े हैं. इसका अधिकांश भाग अब खराब हो चुका है. पथ निर्माण विभाग के अनुसार जिले में पूल पुलिया तोड़ने के बाद निकला लकड़ी का टुकड़ा इस भंडार गृह में रखा गया. जिसे न तो किसी अन्य काम में लाया गया और न ही नीलामी की गयी. इसी परिसर में तारकोल (अलकतरा) का सैकड़ों डब्बा फेंका हुआ है. इसका तारकोल खराब हो चुका है.
* दृश्य तीन
नगर थाना परिसर में ही अग्निशमन विभाग का कार्यालय है. इस परिसर में लाखों के मूल्य का गाड़ी खराब हो चुकी है. धीरे-धीरे यह गाड़ी कबाड़ी का शक्ल अख्तियार कर रहा है. विभागीय अधिकारी न तो वाहन की ठीक कराने की जहमत उठा रहे है. न ही इसके रख रखाब के लिए माकुल इंतजाम कर रहे है. मालूम हो कि जिले में अग्निशमन विभाग गाड़ियों की कमी का रोना रोता रहा है.