जाम से रोज जूझते लोग, प्रशासन बेपरवाह!
मधुबनी : शहर में सड़क जाम की समस्या अब लोगों के लिए आम बात हो गयी है. शायद ही कोई दिन ऐसा हो जब शहर के बाटा चौक, शंकर चौक, थाना चौक, स्टेशन चौक, बस स्टैंड सहित अन्य चौक चौराहा पर लोगों को घंटों तक जाम में न फंसना पड़ता हो. इस गंभीर समस्या से […]
मधुबनी : शहर में सड़क जाम की समस्या अब लोगों के लिए आम बात हो गयी है. शायद ही कोई दिन ऐसा हो जब शहर के बाटा चौक, शंकर चौक, थाना चौक, स्टेशन चौक, बस स्टैंड सहित अन्य चौक चौराहा पर लोगों को घंटों तक जाम में न फंसना पड़ता हो. इस गंभीर समस्या से जिला प्रशासन व नगर प्रशासन भली भांति अवगत है.
इसके बाद भी कोई सार्थक पहल नहीं हो पाने के कारण यह समस्या दिन व दिन गंभीर बनती जा रही है. सड़क जाम के लिए कई कारण बताये जा रहे हैं. इसे दूर करने के दिशा में प्रशासन ने एक कदम की दूरी भी तय नहीं कर सकी है. जानकारों की मानें तो गाड़ियों को बेतरतीब सड़क पर खड़ी करने, सड़कों का अतिक्रमण, सब्जी, फल सहित अन्य सामान की दुकान लगना जाम लगने का मुख्य कारण हैं.
पैदल चलना भी मुश्किल
जिला प्रशासन शहर वासियों को जाम की समस्या से निजात दिलाने में अक्षम साबित हो रही है, लिहाजा शहरवासी परेशानी ङोलने को विवश है. शहर में सड़कों की जाम का यह आलम है कि आम लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. जिधर देखो उधर जाम की जाम. इन सड़कों पर दिन भर जिंदगी रेंगती दिखाई देती है. लोग समय पर अपना काम नहीं कर पाते हैं. चार पहिया वाहन से तो आप बाजार जा ही नहीं सकते. खासकर बाटा चौक, लोहापट्टी, गिलेशन चौक की ओर. इन इलाकों में जबरदस्त भीड़ रहती है. अगर गलती से भी आप अपनी गाड़ी इन सड़कों में लेकर चले गये तो भगवान ही मालिक है.
क्या कहते हैं अधिकारी
ट्रैफिक प्रभारी जय नंदन ने बताया कि जाम की समस्या से निजात के लिए 11 पोस्ट पर 18 जवान तैनात किये गये हैं. इसके अलावे और भी जवानों की मांग की गयी हैं.
सड़क पर रखा रहता है गिट्टी-बालू
शहर में खाली जगह की निश्चय ही कमी है, लेकिन इस कमी के कारण लोग सड़क का उपयोग अपने घरेलू काम के लिए भी करने लगे हैं. स्थिति का आलम यह है कि शहर में घर बनाने वाले लोग अब सड़कों पर ही बालू-गिट्टी व अन्य सामान रख देते हैं. इस कारण भी जाम लग रहा है. वहीं, सड़क पर बस व यात्री वाहनों का खड़ा होना भी आम बात है. स्टेशन चौक, थाना चौक, गंगासागर चौक पर सवारी लेने के चक्कर में वाहनों का बीच सड़क पर खड़ा कर दिया जाता है.