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शराब पी तो देना होगा 5100 जुर्माना

कलुआही प्रखंड के कई गांवों में ग्रामीणों ने छेड़ा अभियान कलुआही : प्रखंड क्षेत्र के लोगों ने शराब बिक्री व इसके सेवन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने कई गांवों में शराब पीने पर रोक लगा दी है, तो बिक्री रोकने की दिशा में अभियान छेड़ दिया है.क्षेत्र के बरदेपुर, करमौली, भलनी […]

कलुआही प्रखंड के कई गांवों में ग्रामीणों ने छेड़ा अभियान
कलुआही : प्रखंड क्षेत्र के लोगों ने शराब बिक्री व इसके सेवन के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. ग्रामीणों ने कई गांवों में शराब पीने पर रोक लगा दी है, तो बिक्री रोकने की दिशा में अभियान छेड़ दिया है.क्षेत्र के बरदेपुर, करमौली, भलनी सहित अन्य गावों में सामूहिक रूप से शराब बिक्री रोक लगायी गयी है.
यही नहीं, अभियान को कारगर बनाने के लिए ग्रामीणों ने नियम भी बनाये हैं. इसके तहत जो भी विक्रेता दुकान खोलेगा, उसे 5100 रुपये का जुर्माना देना होगा.
वहीं जो व्यक्ति शराब पीते पकड़ा जाएगा, उसे आर्थिक दंड के रूप में 5100 रुपये चुकता करना होगा. इसका असर यह हुआ है कि शराब की दुकान नजर नहीं आ रही है. क्षेत्र के करमौली, भलनी, बरदेपुर गांव में शराब दुकानों को बंद कर दिया गया है. लोग दुकान खोलने के लिए अपनी जमीन तक संवेदक को नहीं दे रहे हैं. ऐसे में शराब का अनुज्ञप्ति लेने वाले लोगों को दिन में ही तारे नजर आ रहे हैं.
युवा आये आगे
शराब बिक्री व सेवन के विरोध में क्षेत्र के युवा आगे आ रहे हैं. इससे अभियान दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा है. युवाओं की टोली हर दिन क्षेत्र में घूूम कर शराब दुकान के खुलने की टोह लेते हैं . जब कभी भी कोई दुकान खुली मिल गयी, तो तत्काल उसे बंद करा दिया जाता है.
दुकान बंद तो पीना बंद
पुरसौलिया के मुखिया अहमद हुसैन ने कहा कि शराब का सेवन क्षेत्र में पूरी तरह से प्रतिबंधित है. दुकान खुलेगी तो लोग चुपके से भी पी लेंगे. लेकिन, दुकान ही बंद हो जायेगी तो लोगों में शराब की लत खुद ही छूट जायेगी. इसी प्रकार इस अभियान में राम प्रसाद सदाय, केदार नाथ भंडारी, सुनील झा, राजाराम झा, अशोकानंद ठाकुर सहित कई लोग शामिल हैं.
हो चुकी है कई की मौत
शराब के खिलाफ ग्राणीणों की ओर से चलाया जा रहा अभियान यूं ही नहीं है. दरअसल, इस शराब ने क्षेत्र के कई लोगों की जान ले ली है. तो कई इस कदर बीमार हो गये हैं कि अब वे किसी काम के लायक नहीं रह गये हैं. घर में पड़े परिवार के लोगों के कमाई पर जी रहे हैं.

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