बेलाराही गांव में सड़क नहीं
झंझारपुर : नगर पंचायत के तीन वार्ड 14, 15, 16 बेलाराही गांव वर्षों से विकास से कोसों दूर है. जबकि नगर पंचायत के स्थापना के समय से ही बेलाराही गांव को नगर पंचायत का दर्जा मिल गया था. कहने के लिए तो नगर पंचायत का दर्जा दे दिया गया, लेकिन इस गांव में न ही […]
झंझारपुर : नगर पंचायत के तीन वार्ड 14, 15, 16 बेलाराही गांव वर्षों से विकास से कोसों दूर है. जबकि नगर पंचायत के स्थापना के समय से ही बेलाराही गांव को नगर पंचायत का दर्जा मिल गया था. कहने के लिए तो नगर पंचायत का दर्जा दे दिया गया, लेकिन इस गांव में न ही सड़क को ही दुरुस्त किया गया और न ही नयी सड़क ही बनायी गयी.
क्या है मामला
स्थापना के बाद बेलाराही गांव को तीन भाग में विभक्त कर तीन वार्ड बनाये गये, लेकिन इस गांव को शहर का रूप देने में नगर पंचायत प्रशासन असफल रहा. इसका नतीजा हुआ कि जो भी वार्ड पार्षद हुए मिट्टीकरण व खंरजाकरण के कार्य तक ही सीमित रहे. इसका नतीजा ये रहा कि आज तक कुछ पीसीसी सड़क को छोड़कर गांव में पहुंचने के लिए एक भी पीसीसी सड़क नहीं बन पाया. नगर पंचायत प्रशासन तो दावे बहुत कर रहा है कि इस गांव के तीनों वार्डो को विकसित किया जायेगा. पहले संसाधन नहीं होने के कारण विकास से दुर रखा गया था. उक्त गांव के तीनों वार्डो में सड़क के लिए प्रस्ताव लिया जा चुका है. इसमें अधिकतर पीसीसी सड़क है.
पेच में फंसी महत्वपूर्ण सड़कें
नगर पंचायत क्षेत्र के अस्पताल से बेलाराही गांव जाने वाली सड़क के लिए पूर्व मंत्री नीतीश मिश्र ने प्रयास कर एक करोड़ रुपये मुहैया करा दिया. इसके निर्माण के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गयी थी. इसी बीच कुछ लोगों द्वारा तिकरम कर सड़क के निर्माण को बंद करा दिया.
बोले गांव के लोग
बेलाराही गांव के प्रेमकांत लाल दास, प्रवोध दास, कन्हैया जी, शीला देवी, नीलम देवी, अराधना देवी, अनिता देवी, गीता देवी, सुनिता देवी, वीणा कुमारी, हीरा देवी आदि ने बताया कि रेलवे सड़क होते हुए अस्पताल, अनुमंडल कार्यालय व झंझारपुर आरएस बाजार जाने में काफी सहूलियत होती है. सड़क में गड्ढे हो जाने के चलना मुश्किल हो रहा है. मंत्री नीतीश मिश्र के प्रयास से सड़क के लिए राशि भी मुहैया करायी गयी. नतीजा हुआ कि ये सड़क भी लोगों के मंसूबे पर पानी फेर दिया. अगर इस सड़क के साथ गांव के सड़को को पीसीसी सड़क का निर्माण नहीं कराया जायेगा, तो इसके लिए ग्रामीण एक जुट होकर आंदोलन छेड़ देगें. इसकी जिम्मेदारी नगर पंचायत प्रशासन की होगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी चंद्रशेखर ठाकुर ने बताया कि जो भी विकास किया गया है वह जनता के सामने है. इसके आधार पर जनता स्वयं आकलन कर सकती है.