मुक्तिधाम को पांच साल से शव का इंतजार
मधुबनी : शहर के मृत लोगों के दाह संस्कार की परेशानी से निजात पाने के लिए जिस शवदाह गृह का निर्माण पांच साल पूर्व ही हो गया है. उसका आज तक विधिवत उद्घाटन तक नहीं हो सका है. विडंबना कहें या फिर विभाग की उदासीनता कि नप प्रशासन को अब यह जानकारी तक नहीं है […]
मधुबनी : शहर के मृत लोगों के दाह संस्कार की परेशानी से निजात पाने के लिए जिस शवदाह गृह का निर्माण पांच साल पूर्व ही हो गया है. उसका आज तक विधिवत उद्घाटन तक नहीं हो सका है. विडंबना कहें या फिर विभाग की उदासीनता कि नप प्रशासन को अब यह जानकारी तक नहीं है कि शवदाह गृह नगर परिषद प्रशासन क ी संपत्ति है.
48 लाख हो चुके हैं खर्च
शहर के मृत लोगों के दाह संस्कार की समस्या गंभीर थी. इस समस्या को लेकर कई बार जिला मुख्यालय में लोगों ने प्रदर्शन, धरना जुलूस व अन्य आंदोलन किया. इसके बाद नगर विकास विभाग ने करीब 48 लाख की लागत से छह बेड वाले शवदाह गृह का निर्माण करने की स्वीकृति देते हुए राशि भी निर्गत किया. इसके निर्माण की जिम्मेदारी पीएचइडी को सौंपी गयी. पीएचइडी ने इसके निर्माण को समय सीमा के अंदर पूरा कर दिया. बाद में करीब पांच साल पूर्व मुक्तिधाम को पीएचइडी ने नप प्रशासन को हस्तगत करा दिया.
नहीं हो सका उद्घाटन
यह विडंबना ही है कि जिस शवदाह गृह का निर्माण पांच साल पूर्व हो गया. इसका आज तक उद्घाटन तक नहीं हो सका है. नप प्रशासन के अधिकारी यह बताने में भी असमर्थ हैं कि यह संपत्ति उनकी है या नहीं. नप प्रशासन ने मुक्तिधाम के उद्घाटन करने की दिशा में कोई पहल नहीं की है. इस कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है.
टूटने लगा मुक्तिधाम
एक साथ छह लोगों के दाह संस्कार के लिए बनाया गया मुक्तिधाम लाश के इंतजार करते-करते अब टूटने लगा है. नप प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण इसकी देखरेख तक नहीं हो सकी है. परिसर में लगा चापाकल पूरी तरह बंद हो चुका है. वहीं, शवदाह के लिए बने शव शय्या भी टूटने लगे हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
मुख्य पार्षद खालिद अनवर ने बताया है कि मुक्तिधाम उनके कार्यकाल से पूर्व का निर्मित है. इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. जल्द ही इसका विधिवत उद्घाटन करवाया जायेगा. यह शहरवासियों के लिए काफी उपयोगी है.