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शहरवासियों की सेहत बिगाड़ रहा ब्रेकर

हो सुधार : शहर में बिछा है ब्रेकर का जाल, ज्यादातर लोग चाहते हैं जल्द से जल्द हटें स्पीड ब्रेकर मधुबनी : चालाकों के लिए राहत की खबर है. पटना हाइकोर्ट ने सूबे के सभी सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर को 15 दिनों में हटाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसके लिए पथ निर्माण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2015 6:22 AM
हो सुधार : शहर में बिछा है ब्रेकर का जाल, ज्यादातर लोग चाहते हैं जल्द से जल्द हटें स्पीड ब्रेकर
मधुबनी : चालाकों के लिए राहत की खबर है. पटना हाइकोर्ट ने सूबे के सभी सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर को 15 दिनों में हटाने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने इसके लिए पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव से निचले स्तर के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी है. शहर के कई सड़कों पर स्पीड ब्रेकर आपके वाहनों के रफ्तार को धीरे करते मिल जायेंगे. शहर में यत्र तत्र सड़कों पर स्पीड ब्रेकर रहने से हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.
खासकर बाइक पर पीछे बैठे सवारों की स्पीड ब्रेकर का शिकार होना पड़ता है. प्रभात खबर ने जब शहर में ब्रेकर की जानकारी जुटानी शुरू की तो इनकी संख्या सैकड़ों तक पहुंच गयी. अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों तक इन सड़कों से गुजरते हैं, कोई भी इस संबंध में जानकारी लेने की तकलीफ नहीं उठाते.
जब इस संबंध में लोगों से राय ली गयी तो लोगों का कहना था कि मोहल्ले में स्पीड ब्रेकर घातक है. ब्रेकर की वजह से बाइक सवारों को काफी परेशानी होती है. इसको जहां मन हुआ वहां ब्रेकर बना दिया. बच्चों को लेकर बाइक से संभाल कर ब्रेकर पार करना होता है.
हर कॉलोनी में बना है ब्रेकर
शहर मुख्यालय में ब्रेकर का जाल बिछा हुआ है. मुख्य सड़क पर भले ही ब्रेकर कम नजर आ रहा है, लेकिन कॉलोनी की प्राय: सभी सड़कों में ब्रेकर हैं. स्थिति यह बनी है कि कई सड़कों पर महज 50 से सौ फीट की दूरी पर ब्रेकर बना है. महिला कॉलेज रोड से भाकपा कार्यालय जाने वाली सड़क पर इतनी लंबी सड़क में तीन ब्रेकर है. इसी प्रकार धोबिया टोली में 50 फीट की दूरी पर तीन ब्रेकर बने है. विनोदानंद कॉलोनी में तीन ब्रेकर बनाये गये है.
संवेदक पर बनाया जाता है दबाव
ब्रेकर का निर्माण जिला प्रशासन या विभाग के द्वारा नहीं कराया जा रहा है. बल्कि इसके लिए स्थानीय लोग ही अधिकांश मामलों में जिम्मेदार होते हैं. जिस कॉलोनी में कभी सड़क का निर्माण होता है, वहां के लोग संवेदक पर दवाब बनाकर ब्रेकर बनवाते हैं.

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