Madhubani News. डेंगू के 4 मरीज चिन्हित, डेंगू वार्ड में किया गया भर्ती
जिले में डेंगू के 4 मरीजों के चिन्हित होने के बाद जिला स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया है. वहीं मंगलवार को एंटीजन किट से जांच में पॉजिटिव संदिग्ध मरीज शिवशरण यादव को सदर अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
Madhubani News. मधुबनी. जिले में डेंगू के 4 मरीजों के चिन्हित होने के बाद जिला स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया है. वहीं मंगलवार को एंटीजन किट से जांच में पॉजिटिव संदिग्ध मरीज शिवशरण यादव को सदर अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. साथ ही संदिग्ध डेंगू मरीज का एलिजा टेस्ट के लिए सैम्पल लिया गया है. एलिजा टेस्ट में पॉजिटिव होने पर कंफर्म हो पाएगा. इससे पूर्व बासोपट्टी के दामु निवासी रामबाबू ठाकुर, कलुआही के डोकहर निवासी नवीन कुमार एवं लदनियां निवासी नितीश कुमार के घर के 500 मीटर की परिधि में टेक्निकल मेलाथियान से फागिंग एवं लार्विसाइडल का छिड़काव किया गया. वहीं पिछले दिनों बाबूबरही प्रखंड के बरदाहा निवासी डेंगू मरीज किशुन लाल साह का पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बुधवार को मृतक के घर के 500 मीटर की परिधि में फागिंग एवं छिड़काव किया गया. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. दया शंकर सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स डेढ़ लाख के लगभग होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केटीएस वीबीडीएस, बीएचडब्ल्यू एवं बीएचआई द्वारा अपने-अपने आवंटित क्षेत्र में लोगों को डेंगू से संबंधित रोगों के कारण एवं उससे बचने के उपाय का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. संदिग्ध मरीजों को जांच के लिए नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा जा रहा है. पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर मरीज का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है. पॉजिटिव मरीज के गांव में उनके घर से 500 मीटर रेडियस में टेक्निकल मेलाथियान से फागिंग कराया जा रहा है. साथ ही लार्विसाइडल टेमीफास का छिड़काव किया जा रहा है. डेंगू एवं चिकनगुनिया के रोग, कारण, उपचार एवं सावधानियां के बारे में जानकारी के लिए जिले के 50 सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के डेंगू मरीजों के घर के 500 मीटर की परिधि में टेक्निकल मेलाथियान से फागिंग कराया जा रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल जमाव एवं गंदगी वाले क्षेत्रों में एंटी लार्विसाइडल टेमीफास का छिड़काव कराया जा रहा है. यह अभियान ठंड के मौसम आने तक चलता रहेगा. रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन डॉ. दया शंकर सिंह ने कहा कि डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया जैसे गंभीर रोग से निपटने के लिए जिले में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है. जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आम लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता व इलाज की सटीक जानकारी देने के साथ साथ आपातकालीन स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी इस टीम को दी गयी है. डेंगू के मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में मरीज के लिए सदर अस्पताल में 8 बेड, अनुमंडलीय अस्पतालों में 4-4 बेड तथा प्रत्येक सीएचसी एवं पीएचसी में 2-2 बेड आरक्षित किया गया है. डेंगू मच्छर को बढ़ाने में एसी, कूलर व फ़्रिज की भूमिका अहम वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन ने कहा कि वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए ज़िले में छिड़काव किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग, नगर निकाय और दूसरे विभागों की टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है. डेंगू मच्छर संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. दो फुट की ऊंचाई तक उड़ पाने वाला यह मच्छर साफ पानी में पनपता है. गंदे या चलते पानी में एडीज मच्छर अंडे नहीं देती हैं. इसके लिए थोड़ा सा यानी एक चम्मच पानी भी पर्याप्त होता है, एडीज मच्छर केवल दिन में ही काटता है. इसलिए लोगो को घर के अंदर भी पूरे कपड़े पहनकर रहना चाहिए. अपने घरों एवं आसपास में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस तरह के मच्छरों को बढ़ाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान कूलर, एसी और फ्रिज की ट्रे की होती हैं. इस तरह के जगहों पर ही एडीज मच्छर अंडे देती हैं, इसलिए फ्रिज की ट्रे को भी नियमित रूप से साफ करना चाहिए. बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सीय परामर्श लेने के बाद ही अपनी इलाज करानी चाहिए. अपनी मर्जी से दवा दुकान से दवा खरीदकर नहीं खानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी पीएचसी में डेंगू की जांच की सुविधा उपलब्ध है. इसके साथ ही सदर अस्पताल में एलिसा टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
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