टैक्स पर उठ रहे सवाल, नप मालामाल!

नागरिक सुविधा दिलाने में विफल हो रही नगर परिषद, वसूल रही जजिया मधुबनी : कहते हैं शहर के गलियारे से विकास के दरवाजे खुलते हैं. तभी जाके राज्य समृद्ध व देश विकसित होता है. जब विकास की धारा अवरुद्ध हो जाये तो आम नागरिकों में अविश्वास की एक लकीर खींच जाती है और लोगों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2015 11:35 PM
नागरिक सुविधा दिलाने में विफल हो रही नगर परिषद, वसूल रही जजिया
मधुबनी : कहते हैं शहर के गलियारे से विकास के दरवाजे खुलते हैं. तभी जाके राज्य समृद्ध व देश विकसित होता है. जब विकास की धारा अवरुद्ध हो जाये तो आम नागरिकों में अविश्वास की एक लकीर खींच जाती है और लोगों में धैर्य की सीमा टूटने लगी है.विरोध का स्वर निकलने लगाता है.
कहने को तो नगर परिषद शहर के विकास का जितना दावा करने पर आम लोग ही इससे खुश नहीं हो तो यह दावा खोखला ही साबित होता है. 1876 में शहर में नागरिकों को सुविधा देने के लिए नगरपालिका की स्थापना हुई. शहर के लोगों को पेयजल,सफाई , शौचालय, शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा में होल्डिंग टैक्स की शुरुआत की गयी. नगर का विकास होता गया. जनसंख्या बढ़ी, क्षेत्र का विस्तार हुआ 2002 में नगर पालिका को नगर परिषद का दर्जा मिला. लेकिन सही मायने में शहर में विकास पर ग्रहण लग गया. शहर के विकास के बदले यहां से लोग राजनीतिक व व्यक्तिगत लाभ में हिस्सेदार होने लगे. अब शहर के बुद्धिजीवि व आम नागरिक को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या विकास का यही पैमाना है.
जहां सड़क पर बहता पानी जीर्ण शीर्ण नाले, सड़क पर फैली गंदगी, मच्छरों का प्रकोप, चरमरायी शिक्षा व्यवस्था, बंद पड़े स्वास्थ्य व्यवस्था? अब तो लोग सवाल करने लगे जब नागरिकों को सुविधा नहीं तो होल्डिंग टैक्स क्यों?
क्या कहते हैं मुख्य पार्षद
नगर परिषद के मुख्य पार्षद खालिद अनवर ने कहा कि शहर के नागरिकों को सुविधा बहाल करने के लिए नप प्रशासन गंभीर है. सड़कों व नालों का नियमित साफ-सफाई हो रहा है. पेयजल सुविधा के लिए तीन सौ से अधिक चापाकल लगाये गये है. समय-समय पर डीडीटी का छिड़काव तथा फॉगिंग मशीन का प्रयोग किया जा रहा है. आम नागरिक जो भी राय देते हैं. प्राथमिकता के आधार पर उस कार्य को पूरा किया जाता है.

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