विभागों पर 30 लाख का कर बकाया

होल्डिंग टैक्स . नगर परिषद प्रशासन ने वसूली के लिए नगर विकास विभाग से मांगा दिशा निर्देश मधुबनी : नगर परिषद को होल्डिंग टैक्स चुकता करने में सरकारी विभाग उदासीनता बरत रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2014-15 के बकाया होल्डिंग टैक्स में तेजी लाने का निर्णय नगर एवं आवास विभाग ने लिया है. आम नागरिक टैक्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2015 2:50 AM
होल्डिंग टैक्स . नगर परिषद प्रशासन ने वसूली के लिए नगर विकास विभाग से मांगा दिशा निर्देश
मधुबनी : नगर परिषद को होल्डिंग टैक्स चुकता करने में सरकारी विभाग उदासीनता बरत रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2014-15 के बकाया होल्डिंग टैक्स में तेजी लाने का निर्णय नगर एवं आवास विभाग ने लिया है.
आम नागरिक टैक्स चुकता करने में आगे हैं. वहीं, सरकारी विभाग उदासीन बने हुए हैं. इससे विकासात्मक कार्य करने में परेशानी हो रही है. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2014-15 में आम नागरिक व व्यवसायियों से 76 लाख लक्ष्य के विरुद्ध 44 की वसूली हुई. वहीं, सरकारी विभागों से 39 लाख 98 हजार के विरुद्ध सिर्फ 11 लाख की वसूल हो सकी.
नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत सरकारी भवनों पर बकाया होल्डिंग टैक्स की वसूली के लिए विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है. नगर परिषद के द्वारा प्रत्येक तीमाही मांग सूचना भेजने के बावजूद कुछ विभागों को छोड़ करीब 20 विभाग टैक्स चुकता करने में उदासीन बनी हुई है. अगर समय से यह टैक्स भुगतान हो जाये तो शहर में विकास के कई काम हो सकते हैं, लेकिन इसकी अनसुनी कर अधिकारी फंड नहीं होने की बात करते हैं. अब सवाल खरा होता है कि नगर परिषद सुविधा सबको बराबर देती है तो सरकारी विभाग टैक्स देने में उदासीन क्यों?
11 लाख ही वसूली
नप क्षेत्र के विभिन्न सरकारी भवनों पर 30 लाख से अधिक से अधिक बकाया है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में सरकारी विभागों से 39 लाख 98 हजार वसूली का लक्ष्य था, लेकिन सिर्फ 11 लाख की ही वसूल की जा सकी. टैक्स देने के मामले में सरकारी विभाग उदासीन बनी हुई है.
खादी ग्रामोद्योग संघ पर सबसे अधिक बकाया
खादी ग्रामोद्योग संघ पर 13 लाख का होल्डिंग टैक्स बकाया है. वहीं जिला पशुपालन विभाग पर सिर्फ 4398 रुपये बकाया है.
विकास हो रहा प्रभावित
समय से होल्डिंग टैक्स नहीं मिलने से विकास संबंधी योजनाएं प्रभावित हो रही है. अगर समय से टैक्स मिल जाये तो शहर के छोटी छोटी योजनाओं के लिए नगर विकास की ओर टकटकी नहीं लगानी पड़ेगी. नगर परिषद को इस स्थिति से निजात पाने के लिए विभाग से दिशा निर्देश मांगी है.
दूर होगी आर्थिक कठिनाई
होल्डिंग टैक्स की वसूली होने से सफाई के संसाधनों को बढ़ाने में सहूलियत होगी. वहीं कर्मियों को समय से वेतन भुगतान भी हो पायेगा. दरअसल, नप सफाई के लिए एक जेसीबी मशीन, दो ट्रैक्टर तथा छोटे-छोटे औजारों से सफाई कार्य हो रही है. टैक्स की राशि से सफाई उपकरण खरीदकर व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है.

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