शहर के 50 साल पुराने मकान टूटेंगे !
बीते शनिवार से आ रहे लगातार भूकंप के झटके ने शहर में बढ़ती आबादी और सिमटी जमीन से होने वाले खतरे को लेकर आगाह किया है. खासकर बाजारू इलाके जो दिन व दिन संकीर्ण होती जा रही है. वहां ऐसे आपदा में खतरा तो मुंह बायें खड़ी होती है. यह तो गनीमत है कि लगातार […]
बीते शनिवार से आ रहे लगातार भूकंप के झटके ने शहर में बढ़ती आबादी और सिमटी जमीन से होने वाले खतरे को लेकर आगाह किया है. खासकर बाजारू इलाके जो दिन व दिन संकीर्ण होती जा रही है. वहां ऐसे आपदा में खतरा तो मुंह बायें खड़ी होती है.
यह तो गनीमत है कि लगातार भूकंप के झटके के बाद भी मधुबनी शहर में कोई अनहोनी नहीं हुई. वरना जो हालत बनती जा रही है उससे सरकार व प्रशासन की चिंता लाजमी है, लेकिन सवाल उठता है कि चिंता से आगे बढ़कर सरकार व प्रशासन इस मामले पर जागेगी कब.
मधुबनी : लगातार तीन दिनों से भूकंप झटके से शहर के कई मकानों में दरारें आ गयी हैं. कुछ मकान गिरने की स्थिति में है. आपदा प्रबंधन विभाग इन सब मकानों की जांच विशेषज्ञ इंजीनियरों से करायेगी.
दरअसल, भूकंप के बाद दीवारों पर ऊपर से नीचे या नीचे से ऊपर दरारें आ गयी है. विशेषज्ञ की माने तो दोनों तरफ की दरारें खतरनाक है. इसको लेकर आम लोग सहमे हुए हैं.
नगर परिषद प्रशासन की माने तो शहर में 13 हजार मकानों में से 500 ऐसे मकान हैं जो 50 साल से अधिक के हैं तथा 50 ऐसे मकान है जो जीर्ण शीर्ण अवस्था में है. नगर परिषद प्रशासन इसे चिह्न्ति करने में जुट गयी है. लोगों को इसमें सहयोग की भी अपील की हे. सरकार अब इस मामले को लेकर काफी गंभीर दिख रही है.
विभाग ने नप प्रशासन के साथ जिला प्रशासन को भी इस मामले में एहतियात बरतने का निर्देश दिया है, ताकि आपदा के समय काठमांडू जैसे हालात पैदा न हो. ऐसे में शहर के करीब 550 पुराने मकान जिसकी उम्र 50 साल से अधिक हो गयी है, उसे जांच तोड़ने की कवायद हो सकती है.
जिला प्रशासन ने इसके लिये अभियंताओं की टीम बनाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. शहर में ऐसे कई गली या मुहल्ले हैं जहां घनी आबादी वाले बस्ती हैं. वहां दीवारों में आयी दरारें बड़े हादसा का संकेत दे रही है. ऐसे जगहों पर सतर्क रहने की जरूरत है.
पुराने भवन को करना होगा चिह्न्ति
शहर के मकानों को सर्वे कराया जायेगा. शहर में 550 ऐसे मकान है जो काफी पुराने है. जिसमें से 50 मकान जीर्ण शीर्ण अवस्था में हे. बावजूद लोग इसमें रहते हैं. जो खतरों से खाली नहीं है. नगर परिषद प्रशासन ऐसे मकानों का सर्वे कराकर खाली करायेगा.
क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने बताया कि विभागीय आदेश मिलने के बाद घरों का सर्वे शुरू किया जायेगा. विभागीय आंकड़ों के मुताबिक शहर में 500 से अधिक पुराने मकान है. 50 ऐसे मकान है जो जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं. जिसे हर हाल में तोड़ना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि जल निकासी की व्यवस्था की जा रही है. एक दो दिनों में इसे ठीक कर लिया जायेगा.
नहीं हुई पहल
लगातार पांच दिनों से प्राकृतिक आपदा के कारण शहर वासी सकते में हैं. भारी बारिश एवं तेज हवा से जहां शहर के मोहल्लों में जल जमाव है. वहीं, मुख्य सड़कों पर आवागमन में लोगों को परेशानी हो रही है. शहर के अस्पताल रोड, विनोदा नंद झा कॉलोनी, आदर्श नगर सहित कई मुहल्लों के सड़कों पर पानी लगा हुआ है.