हल्की बारिश से कार्यालयों में जलजमाव
मधुबनी : शहर यूं तो सालों भर गंदगी व कचरा से पटा रहता है, लेकिन जब बारिश हो जाये ते फिर इसकी दुर्दशा ही हो जाती है. शहर में हल्की बारिश से ही स्थिति नारकीय बन जाती है. शनिवार की देर शाम हुई बारिश से शहर का विभिन्न मोहल्ला, सरकारी कार्यालय सहित बाजार व चौक […]
मधुबनी : शहर यूं तो सालों भर गंदगी व कचरा से पटा रहता है, लेकिन जब बारिश हो जाये ते फिर इसकी दुर्दशा ही हो जाती है. शहर में हल्की बारिश से ही स्थिति नारकीय बन जाती है. शनिवार की देर शाम हुई बारिश से शहर का विभिन्न मोहल्ला, सरकारी कार्यालय सहित बाजार व चौक चौराहा पर जल जमाव की स्थिति बनी गयी है. नप प्रशासन इस दिशा में भले ही कवायद के लाख दावे करें, लेकिन हकीकत में जल निकासी की व्यवस्था अब तक दुरुस्त नहीं हो सका है.
क्या कहते हैं अधिकारी
कार्यपालक पदाधिकारी जटाशंकर झा ने बताया है कि जल निकासी के लिए जल्द ही नाला उड़ाही का काम शुरू कर दिया जायेगा. बरसात से पूर्व ही यह काम पूरा कर लिया जायेगा. वहीं, सरकारी कार्यालयों में लगे जलजमाव को पंप सेट के सहारे निकाला जायेगा. जल्द ही समस्या को दूर किया जायेगा.
दृश्य एक
सदर अस्पताल में हर दिन सैकड़ों मरीज इलाज कराने आते हैं, लेकिन इस अस्पताल में जल जमाव की समस्या, जल जमाव में गंदगी मरीजों को स्वस्थ्य करने के स्थान पर बीमारी को बुलावा दे रही है. हल्की सी बारिश में ही अस्पताल परिसर झील में तब्दील हो चुका है. जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. लोगों ने अस्पताल प्रशासन से इसके समाधान की मांग की है.
दृश्य दो
समाहरणालय के महज एक हजार मीटर की दूरी पर वाटसन विद्यालय है. इसका परिसर करीब एक एकड़ में फैला है. इस विद्यालय में पठन पाठन के कार्य के साथ सरकारी कार्यक्रम का आयोजन भी हमेशा होता है. वहीं, बारिश के दिनों में इसकी पहचान जल जमाव स्थल के रूप में होती है. बारिश हुई तो हफ्तों तक इसके मैदान में जल जमाव रहता है. अंजान व्यक्ति को यह समझ में नहीं आ सकेगा कि यह विद्यालय का मैदान है या फिर तालाब. शनिवार को हुई बारिश ने इसे इसकी पहचान दिला दी है.
दृश्य तीन
कहने को तो डीआरडीए परिसर व जिला परिषद कार्यालय परिसर में करीब 18 घंटा तक पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन इस परिसर से पानी निकासी की ओर किसी की नजर नहीं जाती. सबसे खराब हाल श्रम संसाधन कार्यालय की हो जाती है. इस कार्यालय में काम करना भी मुश्किल हो जाता है. कई बार इस समस्या को लेकर श्रम विभाग के अधिकारियों ने जिप अध्यक्ष को बताया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.